पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की गिरफ्तारी का फर्जी वीडियो बना कर वायरल करने वाले को क्राइम ब्रांच पुलिस ने हरदा से किया गिरफ्तार
हरदा भोपाल। उमा भारती की गिरफ्तारी का फर्जी वीडियो बना कर वायरल करने वाले को क्राइम ब्रांच पुलिस ने हरदा से गिरफ्तार किया है। इधर भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने आरोपी युवक के सोशल मीडिया एकाउंट्स से करीब 300 ऐसे फर्जी वीडियो प्राप्त किए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल क्राइम ब्रांच उसे खंडवा से गिरफ्तार कर भोपाल लाई है । वही हरदा शहर में विश्वस्त सूत्रों और पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पुलिस ने आरोपी को हरदा से पकड़ना बताया है।
वही हम आपको बता दे कि खंडवा के जिस आरोपी को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है। वो पड़ोसी जिले खंडवा के एक गांव का निवासी है।
पुलिस पूछताछ कर रही है। हालांकि, इसके पीछे उसकी क्या मंशा है, कोई गिरोह शामिल है या नहीं इस बात का खुलासा तो नहीं हो सका है, लेकिन प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि वह ज्यादा फेमस होने के लिए बड़े लोगों की गिरफ्तारी या उनसे संबंधित वीडियो वायरल करता है। आरोपी शाकिर खान उर्फ पाजी पिता नूर मोहम्मद (20) खंडवा जिले के कल्लोद तहसील के लाहाडपुर ग्राम में पंचायत भवन के पीछे परिवार के साथ रहता है। आरोपी बीए सेकंड ईयर की पढ़ाई के साथ परिजनों के साथ खेती में भी हाथ बंटाता है।
– क्या थी शिकायत
उमा भारती के निजी सचिव की शिकायत के आधार पर, भोपाल पुलिस की अपराध शाखा ने यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करने वाले अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
एफआईआर के अनुसार, वीडियो में भारती और कर्नाटक कैडर की आईपीएस अधिकारी रूपा दिवाकर मौदगिल की तस्वीरें दिखाई गई हैं, जिसमें पुरुष आवाज में भ्रामक, निराधार और आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है.। उमा भारती दिसंबर 2003 से अगस्त 2004 तक मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं।
वीडियो में क्या है?
एफआईआर में कहा गया है कि 40 सेकंड के वीडियो में वर्णनकर्ता दावा कर रहा है कि आईपीएस अधिकारी नौकरानी के वेश में भारती के घर गया और उसे गिरफ्तार कर लिया, जब वह एक ठेकेदार से रिश्वत ले रही थी।
–छवि खराब करने की कोशिश :
शिकायतकर्ता ने कहा कि यह वरिष्ठ भाजपा नेता की छवि को खराब करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है. अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336 (4) (नुकसान या चोट पहुंचाने वाले झूठे दस्तावेज या झूठे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार करना) और 356 (2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया है.।