इंदौर उज्जैन मे ईडी की सटोरियो पर छापामार कार्यवाही से मचा हडकंप! सटोरियों के 31 लाख नकद जब्त, 8 करोड़ की राशि की फ्रीज
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। डिजिटल ऑनलाइन और गेमिंग एप और बेब्साइट के जरिए सट्टा बाजार बहुत फल फूल रहा है। आन लाईन युवाओ को रुपया कम समय दोगुना चार गुना होने का लालच दिया जाता है।
मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने उज्जैन, इंदौर में छापे मार कार्यवाही की जहां पर वेबसाइट और हवाला से क्रिकेट सट्टा चलाया जा रहा था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों इंदौर सहित उज्जैन के क्रिकेट सटोरियों के ठिकानों पर शुक्रवार को छापे मारे। टीम ने यह कार्रवाई अपने सूत्रो से सटोरियों द्वारा मनी लांड्रिंग किए जाने की सूचना मिलने पर की। हालांकि उज्जैन पुलिस को ईडी की इस कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं है।
पहले भी पकडा था ऐसा मामला
ज्ञात हो कि पूर्व मे 14 जून-2024 को उज्जैन पुलिस ने क्रिकेट का सट्टा खेलते 9 लोगों को गिरफ्तार कर उस दौरान 14.58 करोड़ रुपये नकद,41 मोबाइल, 19 लैपटाप, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मोबाइल सिम, विदेशी करंसी भी जब्त की गई थी। इसमें मुख्य आरोपित पीयूष चौपड़ा था।
क्रिकेट का सट्टा वेबसाइट के जरिए संचालित किए जाने की सूचना के आधार और मनी लांड्रिंग की आशंका पर शुक्रवार को शहर में चौपड़ा सहित कुछ अन्य आरोपितों के ठिकानों पर दबिश दी। ईडी के अनुसार क्रिकेट सट्टे में और इससे जुड़े लेनेदेन में अभय चौपड़ा और संजय अग्रवाल नाम के व्यक्तियों की भी संलिप्तता सामने आई है। अन्य बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है।
डिजिटल उपकरण साफ्टवेयर का उपयोग
ईडी के अनुसार क्रिकेट सट्टेबाजी के लिए लंदनएक्स9 नामक एक वेबसाइट संचालित की जाती थी। इसके जरिए दांव लगवाया जाता था। सट्टे की राशि का ट्रांसफार हवाला के जरिए होता था। सट्टे के लेन-देन का हिसाब और जीत-हार का गणित रखने के लिए भी सटोरिये हार्स नामक एक साफ्टवेयर का उपयोग कर रहे थे। इस आनलाइन कालेधंधे और साफ्टवेयर ट्रेकिंग में अभय चौपड़ा और संजय अग्रवाल की भूमिका का भी पता चला रहा है।
ईडी की छापामार कार्यवाही
ईडी की टीम ने इंदौर, उज्जैन के पांच ठिकानें, पंजाब के लुधियाना शहर में भी छापे मारे। इस दौरान इन जगहों से ईडी की टीम ने 31 लाख रुपये नकद, कुछ दस्तावेज और कुछ डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं।
सटोरियो की जमा 8 करोड़ हुये फ्रीज
सटोरियों द्वारा किए गए म्यूचल फंड में निवेश व फिक्सड डिपाजिट के रूप में जमा करीब आठ करोड़ रुपये की राशि भी फ्रीज की है। ईडी के अनुसार यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के अंतर्गत की गई।