किसानों को लहसुन की खेती पर मिलेगी 12,000 रुपये की सब्सिडी, यहां जाने आवेदन का तरीका
सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और खेती को और लाभदायक बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसी क्रम में अब लहसुन की खेती के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इसके तहत किसान लहसुन की खेती में लगे खर्च पर 12,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य किसानों को लहसुन जैसी अधिक मूल्य वाली फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित करना है। अगर आप भी लहसुन की खेती करना चाहते हैं और इस पर अनुदान का लाभ लेना चाहते हैं, तो इस लेख में आवेदन प्रक्रिया और इसके लिए आवश्यक जानकारी दी गई है।
लहसुन की खेती पर कितनी सब्सिडी मिलेगी?
राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत उद्यान विभाग ने लहसुन की खेती की लागत 30,000 रुपये प्रति हेक्टेयर तय की है। इसमें 40 प्रतिशत सब्सिडी यानी अधिकतम 12,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा। एक किसान 0.2 हेक्टेयर से लेकर अधिकतम 4 हेक्टेयर तक की भूमि पर इस अनुदान का लाभ उठा सकता है। इस योजना के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले लहसुन के बीज भी राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, नई दिल्ली द्वारा प्रदान किए जाएंगे। बीज की कीमत 370 से 390 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है, जो सरकार के माध्यम से उपलब्ध होगी।
आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
लहसुन की खेती पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं।
1. किसान का आधार कार्ड
2. खेत के कागजात
3. पासपोर्ट साइज फोटो
4. बैंक खाता विवरण
5. मोबाइल नंबर
किन जिलों में योजना लागू की गई है?
लहसुन की खेती पर सब्सिडी योजना उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में लागू की गई है। इनमें सहारनपुर, गोरखपुर, मुरादाबाद, बलिया, लखनऊ, आगरा, कानपुर, सीतापुर, कुशीनगर, वाराणसी, प्रतापगढ़, जौनपुर, झांसी, और अयोध्या जैसे जिले शामिल हैं। अगर आप इन जिलों के निवासी हैं, तो आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त समय और विधि
लहसुन की खेती का सबसे अच्छा समय नवंबर माह होता है। इसकी खेती के लिए हल्की बलुई मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें पीएच स्तर 6 से 7 के बीच होना चाहिए। बुवाई के दौरान बीजों के बीच 10-12 सेंटीमीटर का अंतर रखें और पंक्तियों के बीच 15-20 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए। लहसुन की फसल को अच्छी उपज देने के लिए गोबर की खाद, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश जैसे पोषक तत्वों का संतुलित उपयोग करना चाहिए।
सिंचाई और देखभाल
लहसुन की फसल को नियमित हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है। बुवाई के बाद पहले 30 दिनों तक सिंचाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। इसके अलावा, लहसुन की फसल में सफेद मक्खी और फफूंद रोग का खतरा होता है। इसलिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए और फसल की समय-समय पर जांच करनी चाहिए ताकि समय पर रोगों से बचाव किया जा सके।
योजना का लाभ कैसे उठाएं
लहसुन की खेती पर सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए, किसान अपने क्षेत्र के जिला उद्यान अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद आपको उद्यान विभाग द्वारा सूचित किया जाएगा और आवश्यक जानकारी दी जाएगी। ध्यान रखें कि इस योजना का लाभ सीमित भूमि पर ही दिया जाता है, इसलिए जल्दी आवेदन करने पर ही अधिक संभावना है कि आप इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
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