सोने के भाव बिकता है ये आम! कीमत ₹1000+ किलो भारत का ‘राजा’ Alphonso Mango, खरीदना सबके बस का नहीं!
जानें भारत के सबसे महंगे आम Alphonso Mango के बारे में। कीमत ₹1000+ किलो, स्वाद लाजवाब, रत्नागिरी की शान। क्यों है इतना खास और महंगा? पूरी जानकारी यहाँ।
नमस्कार दोस्तों! गर्मियां आते ही जिस एक फल का इंतज़ार सबसे ज़्यादा होता है, वो है फलों का राजा – आम! बाज़ार में आम की ढेरों किस्में आ जाती हैं, हर किसी का अपना अलग स्वाद, अपनी अलग पहचान। लंगड़ा, दशहरी, चौसा… लिस्ट लम्बी है। बच्चे हों या बड़े, आम शायद ही किसी को नापसंद हो। कुछ लोग कच्चे आम की चटपटी चटनी के दीवाने हैं, तो कुछ खटाई बनाकर साल भर उसका मज़ा लेते हैं। कहते भी हैं कि गर्मी में कच्चे आम का पना या चटनी लू लगने से बचाती है।
लेकिन आज हम किसी आम-आम की बात नहीं कर रहे। आज हम बात करेंगे आमों के शहंशाह की, भारत के सबसे महंगे आम की! एक ऐसा आम, जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है, लेकिन जिसकी कीमत सुनकर जेब हल्की हो सकती है। जी हाँ, एक ऐसा आम भी है भारत में, जिसे खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं, क्योंकि इसका भाव ही हज़ार रुपये किलो के पार चला जाता है!
कौन सा है ये खास आम? नाम है – अल्फांसो (Alphonso Mango)
इसका नाम है Alphonso Mango (अल्फांसो आम), जिसे प्यार से ‘हापुस’ भी कहा जाता है। ये सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में अपने बेमिसाल स्वाद और मनमोहक खुशबू के लिए मशहूर है। अगर आप बाज़ार में इसे लेने जाएंगे, तो खुदरा बाज़ार में इसकी कीमत आराम से ₹1000 से ₹1300 प्रति किलो या इससे भी ज़्यादा हो सकती है!
इसकी पहचान करना भी आसान है। इसकी त्वचा सुनहरी पीली होती है और इसका आकार भी बहुत बड़ा नहीं होता। आमतौर पर एक Alphonso Mango का वज़न 150 ग्राम से 300 ग्राम के बीच होता है।
आखिर इतना महंगा क्यों है अल्फांसो?
अब सवाल उठता है कि आखिर इस आम में ऐसा क्या खास है कि इसकी कीमत इतनी ज़्यादा है? इसके कई कारण हैं:
- अनोखा स्वाद और खुशबू: Alphonso Mango का स्वाद बाकी आमों से एकदम हटकर और लाजवाब होता है। इसमें मिठास के साथ एक हल्की सी खटास का संतुलन होता है और इसकी खुशबू इतनी तीव्र होती है कि दूर से ही पता चल जाता है। खाने वाले कहते हैं कि एक Alphonso Mango खाने से मन ही नहीं भरता!
- खास पैदावार क्षेत्र: असली और सबसे बेहतरीन Alphonso Mango महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र, खासकर रत्नागिरी और देवगढ़ इलाके में पैदा होता है। वहां की मिट्टी और जलवायु इसे वो खास स्वाद और रंगत देती है। इसकी इतनी अहमियत है कि रत्नागिरी के हापुस को ज्योग्राफिकल इंडिकेशन यानि GI टैग भी मिला हुआ है, जो इसकी पहचान और क्वालिटी की गारंटी है।
- सीमित पैदावार और सीजन: यह आम साल भर नहीं मिलता। इसका सीजन मुख्य रूप से मई और जून के महीने में ही आता है। पैदावार भी दूसरे आमों की तुलना में सीमित होती है।
- विशेष देखभाल: Alphonso Mango की खेती में काफी ज़्यादा देखभाल और ध्यान रखने की ज़रूरत होती है। इसे पकने से थोड़ा पहले ही तोड़ा जाता है और फिर प्राकृतिक रूप से पकाया जाता है।
- भारी डिमांड और एक्सपोर्ट: देश और दुनिया में इसकी डिमांड बहुत ज़्यादा है। भारत से हर साल कई टन Alphonso Mango विदेशों में, खासकर यूरोप और खाड़ी देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है, जिससे घरेलू बाज़ार में इसकी कीमत और बढ़ जाती है।
सिर्फ रत्नागिरी ही नहीं, यहाँ भी होती है खेती
हालांकि सबसे प्रसिद्ध रत्नागिरी का हापुस ही है, लेकिन अब गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में भी किसान इसकी खेती करने लगे हैं। ज़ाहिर है, खास देखरेख की वजह से इसकी लागत ज़्यादा आती है।
स्वाद चखना है तो जेब करनी होगी ढीली!
इस आम का स्वाद वाकई लाजवाब होता है। इसे ताज़ा काटकर खाने का मज़ा ही कुछ और है। इसका जूस और मैंगो शेक भी बनता है, लेकिन वो भी आपको महंगा ही मिलेगा। यही कारण है कि बहुत से लोग चाहकर भी इसे ज़्यादा मात्रा में नहीं खरीद पाते, बस स्वाद चखने के लिए एकाध पीस ही ले पाते हैं। कहा जाता है कि मशहूर अभिनेत्री कैटरीना कैफ भी इसके विज्ञापन से जुड़ चुकी हैं, जिससे इसकी लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
तो अगली बार जब आम का सीजन आए और आपको बाज़ार में सुनहरा पीला ‘हापुस’ या Alphonso Mango दिखे, तो समझ जाइएगा कि ये कोई मामूली आम नहीं, बल्कि आमों का राजा है। अगर आपका बजट इजाज़त दे, तो एक बार इसका स्वाद ज़रूर चखिएगा, शायद आप भी इसके दीवाने हो जाएं!
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