1868 में खींची गई थीं तस्‍वीरें

ये तस्वीरें ब्रिटिश फोटोग्राफर सैमुअल बार्न ने 1868 में तब खींची थी, जब वह बनारस यात्रा पर आए थे। ये तस्वीरें आज से 155 वर्ष पूर्व ज्ञानवापी की सच्चाई को दर्शाते हैं। संग्रहालय में सैमुअल के खींचे और नीलामी में प्राप्त लगभग 150 फोटोग्राफ हैं, जो उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान कैमरे से खींची थीं।

दीवारों पर काफी पुराने चित्र

इनमें बनारस के घाट, आलमगिरी मस्जिद सहित अनेक मंदिरों और ज्ञानवापी के भीतर तथा बाहर बैठे नंदी की अनेक तस्वीरें हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, कला संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह बताते हैं कि सैमुअल बार्न के चित्रों में ज्ञानवापी में दीवारों पर देवी-देवताओं के चित्र, हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न स्पष्ट रूप से उपस्थित दिखते हैं। इससे यह पता चलता है ज्ञानवापी के भीतर आज भी मंदिर के बहुत सारे अवशेष पाए जा सकते हैं।