मकड़ाई समाचार हरदा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका संघ ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की स्थानीय समस्याओं को लेकर शुक्रवार शाम को सयुंक्त कलेक्ट डीके सिंह को ज्ञापन सौंपा है। कलेक्टर के नाम सौंपे गए ज्ञापन में जिलाध्यक्ष अर्चना गौर ने बताया कि आए दिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को किसी न किसी अन्य विभाग का काम सौंपा जाता है। जिस कारण हमारा मूल काम प्रभावित होता है। साथ ही कार्यकर्ताओं को अपने निर्धारित समय सुबह 9 से शाम 4 बजे के अतिरिक्त भी अन्य विभाग के कार्य करवाए जाते हैं। जिससे हम अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं। घर में हमारे साथ घरेलू हिंसा जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है, बहनों के घर टूटने की स्थिति में हैं।
उनका कहना है कि हमारे ऊपर अन्य विभागों का काम है, जो कि स्थानीय विभाग के अधिकारी हमसे करवाते हैं, जबकि महिला बाल विकास संचानालय के ऐसे अनगिनत आदेश हैं जिसमें साफ लिखा है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से आंगनबाड़ी के अतिरिक्त किसी अन्य विभाग का काम नहीं करवाया जाए। इस कारण हम बच्चों, गर्भवती और धात्री माताओं को समय पर स्वास्थ्य संबंधित सेवाएं नहीं दे पाते हैं। जिस वजह से विभागीय अधिकारियों की डाट फटकार एवं कार्यवाही की जाती है जिस विभाग में ड्यूटी लगती है। वहां के कर्मचारी और अधिकारी संपूर्ण जबावदारी कार्यकर्ताओं को थोप देते हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका मानसेवी कार्यकर्ता हैं, उन्हें सरकार द्वारा शासकीय कर्मचारी भी नहीं माना जाता है, फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका बीएलओ जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लगाई जाती है। इस कार्य से एवं अन्य विभागों के कार्य से कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को मुक्त रखा जाए, जिस से महिला बाल विकास विभाग का कार्य सुचारू रूप से चल सके। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका मानसिक तनाव से मुक्त हो सके।
विगत 4 माह से मानदेय की राशि 50 प्रतिशत ही प्राप्त रही है। वह भी समय पर नहीं हो रही है। शेष लगभग 50 प्रतिशत राशि प्राप्त नहीं हो रही है। साथ ही किराये के भवन में संचालित हो रही आंगनबाड़ियों का भवन किराया भी 4 माह से प्राप्त नहीं हो रहा है। मकान मालिकों द्वारा बार-बार कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को परेशान किया जाता है।