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Harda: हरदा जिले में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है उर्वरक

हरदा : रबी मौसम वर्ष 2023-24 अन्तर्गत नॉन कंमाड क्षेत्र में लगभग 70-80 प्रतिशत बोनी हो चुकी है तथा कंमाड क्षेत्र में पलेवा उपरांत जैसे-जैसे खेतो में बतर आ रही है। कृषको द्वारा बोनी का कार्य किया जा रहा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अन्तर्गत कार्यरत गेहॅू अनुसंधान केन्द्र इंदौर द्वारा सूखे में गेहॅू की बोनी करने के पश्चात् सिंचाई की अनुशंसा की गई है, जिसके तहत जिले के कई कृषको ने सूखे में बोनी करने के उपरांत सिंचाई दी है। फसलो को पोषक तत्व यथा नत्रजन, स्फूर एवं पोटाश आदि मुख्य पोषक तत्व प्रदाय करने हेतु वेसल डोज के रूप यूरिया, सिंगल सुपर फास्फेट, एन.पी.के. 12ः32ः16, एन.पी.के. 16ः16ः16, एन.पी.के. 20ः20ः00ः13, डी.ए.पी. तथा म्यूरेट ऑफ पोटाश को बोनी के समय भूमि में मिलाया जाता है।

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उपसंचालक कृषि श्री एम.पी.एस. चन्द्रावत ने बताया कि वर्तमान में हरदा जिले में यूरिया उर्वरक 1527 मे. टन, एन.पी.के. 20ः20ः00ः13 उर्वरक 307 मे. टन, एन.पी.के. 12ः32ः16 उर्वरक 161.9 मे. टन तथा डी.ए.पी. उर्वरक 45 मे. टन उपलब्ध है। बुधवार शाम तक एन.पी.के. 20ः20ः00ः13 उर्वरक की 1320 मे.टन रैक हरदा रैक पाईट पर प्लैस होने जा रही है। इसके बाद कोरोमंडल कंपनी की यूरिया उर्वरक की रैक हरदा रैंक पाईंट पर प्लैस होगी। इस प्रकार जिले में उर्वरक की आपूर्ति हेतु निरंतर रैक प्राप्त हो रही है। इसके पश्चात् एन.एफ.एल. कंपनी के डी.ए.पी. उर्वरक की रैक भी प्लान में है। जिले की सभी तहसीलों में निजी उर्वरक विक्रेताओं के यहां तथा विपणन संघ के विक्रय केन्द्रो क्रमशः हरदा, टिमरनी एवं खिरकिया तथा विपणन समितियों हरदा एवं खिरकिया के माध्यम से कृषको को उर्वरक विक्रय किया जा रहा है।
सिराली तहसील में यूरिया 45 मे.टन, म्यूरेट ऑफ पोटाश उर्वरक 47.15, एन.पी.के. 20ः20ः00ः13 उर्वरक 35.7, एन.पी.के. 12ः32ः16 उर्वरक 13 मे.टन उपलब्ध है। हरदा तहसील में यूरिया उर्वरक 435.29 मे.टन, म्यूरेट ऑफ पोटाश उर्वरक 96.2, एन.पी.के. 20ः20ः00ः13 उर्वरक 104, एन.पी.के. 12ः32ः16 उर्वरक 89.9 मे. टन एवं हंडिया तहसील में यूरिया 47 मे.टन, म्यूरेट ऑफ पोटाश 10.5 मे. टन, टिमरनी तहसील में यूरिया 495 मे.टन, म्यूरेट ऑफ पोटाष, 17.95, एन.पी.के. 20ः20ः00ः13 उर्वरक 65.5, एन.पी.के. 12ः32ः16 उर्वरक 20 मे.टन, रहटगांव तहसील में यूरिया 89.91 मे.टन, एन.पी.के. 20ः20ः00ः13 उर्वरक 11 एवं खिरकिया तहसील में यूरिया 345 मे.टन, म्यूरेट ऑफ पोटाष, 60.15, एन.पी.के. 20ः20ः00ः13 उर्वरक 21, एन.पी.के. 12ः32ः16 उर्वरक 9 मे.टन उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त सेवा सहकारी समितियों में आर.ओ./डी.डी. प्रदाय करने पर विपणन संघ से उर्वरक दिया जा रहा है। इस प्रकार उर्वरक वितरण की विक्रेन्द्रीकृत व्यवस्था की गई है।
उपसंचालक कृषि श्री चन्द्रावत ने बताया कि यूरिया, एन.पी.के. 20ः20ः00ः13, एन.पी.के. 12ः32ः16, एन.पी.के. 16ः16ः16, म्यूरेट ऑफ पोटाश एवं डी.ए.पी. उर्वरक का अधिकतम् खुदरा मूल्य क्रमशः 266.50, 1250, 1470, 1250, 1700, 1350 रू प्रति बैग है। जिले में उर्वरको का वितरण जिला प्रशासन एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के प्रसार कार्यकर्ताओं की निगरानी में कराया जा रहा है। लगातार उर्वरक निरीक्षको द्वारा उर्वरक विक्रेताओ के विक्रय एवं भण्डारण प्रतिष्ठान के निरीक्षण किए जा रहे है, नियत्रिंत रूप से कृषको को उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है।
डी.ए.पी. उर्वरक के विकल्प के रूप में एन.पी.के. 20ः20ः00ः13, जिसमें 13 प्रतिशत सल्फर अतिरिक्त प्राप्त होता है, इस प्रकार एन.पी.के. 16ः16ः16 में 16 प्रतिशत पोटाश प्राप्त होता है और एन.पी.के. 12ः32ः16 मे भी 16 प्रतिशत पोटाश उर्वरक अतिरिक्त प्राप्त होता है, जबकि एन.पी.के. 20ः20ः00ः13 एवं एन.पी.के. 16ः16ः16 उर्वरक का प्रति बैग मूल्य, डी.ए.पी. उर्वरक के प्रति बैग मूल्य से कम है। इसी प्रकार एन.पी.के. 12ः32ः16 उर्वरक में नत्रजन एवं स्फूर के अतिरिक्त 16 प्रतिशत पोटाश प्राप्त होता है, जो कि 28 रू प्रति किलोग्राम के हिसाब से 928 रू का होता है, जबकि डी.ए.पी. से 120 रू अधिक महंगा है। इस प्रकार किसान को मात्र 120 रू में, 680 रू का अतिरिक्त पोटाश प्राप्त होता है।