HARDA NEWS: 11 साल से परेशान हरदा के सैनिक पुत्र किसान ने प्रधानमंत्री को जून 2022 में लिखा पत्र ! हालात जस के तस
सीएम हेल्पलाइन मप्र से न मिली रिसिप्ट न हेल्प
– नए साल 2023 में भी किसान को नहीं मिली राहत
मकड़ाई समाचार हरदा । हरदा जिला की तहसील खिरकिया निवासी कृषक चक्रपाणि जो कि भारतीय सेना से सेवानिवृत्त दिवंगत सैनिक के पुत्र हैं का एक प्रकरण 11 साल से न तो सीएम हेल्पलाइन से निराकृत हुआ न ही नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा कोई समाधान मिला। चक्रपाणि द्वारा 6 पेज के पत्र में माननीय प्रधानमंत्री जी से न्याय की गुहार लगाई गई है। आवेदक की भूमि पर इंदिरा सागर डैम की ऊंचाई बढ़ाये जाने से मार्ग अवरुद्ध होने पर nhdc द्वारा आवेदक की भूमि के सामने पुलिया निर्माण कर मार्ग को ऊंचा उठाया गया। जिससे बारिश में खेत मे जलभराव की स्थिति बनती है। फसल नष्ट होती है।
देखना यह है कि एक दशक से परेशान सैनिक पुत्र किसान को प्रधानमंत्री कार्यालय से क्या राहत मिलती है। 6 जून को प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे स्पीड पोस्ट पत्र की प्राप्ति रसीद किसान चक्रपाणि को 10 दिन में ही मिल गयी थी। लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित प्रतिलिपि की प्राप्ति रसीद अभी तक अप्राप्त है।
किसान चक्रपाणि ने प्रधानमंत्रीजी को प्रेषित पत्र की प्रतिलिपि केंद्रीय मंत्री नईदिल्ली, मुख्यमंत्री मप्र, कृषिमंत्री व हरदा विधायक, सांसद महोदय हरदा बैतूल, एनएचडीसी महाप्रबंधक इंदौर, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण खंडवा, कमिश्नर नर्मदापुरम, हरदा कलेक्टर, खंडवा कलेक्टर व अन्य को भी प्रेषित की।
आवेदक ने 6 पेज में आवेदन देने व विभागीय पत्राचार, cm हेल्पलाइन के जवाब के स्क्रीनशॉट, आरटीआई पत्र सहित 29 सहपत्र संलग्न किये हैं।
इधर प्रधानमंत्री जी को लिखे पत्र के 6 माह बाद नववर्ष 2023 का प्रथम सप्ताह गुजरने को है लेकिन संबंधितों द्वारा प्रकरण में कार्रवाई की स्थिति जस की तस है। किसान चक्रपाणि के अनुसार यह स्थिति खेदजनक है।
क्या लिखा है पत्र में –
श्रीमान नरेन्द्र जी मोदी प्रधानमंत्री महोदय
भारत सरकार, नई दिल्ली
विषय: मेरी कृषि भूमि मेरी संपत्ति बचाने एवं इंदिरा सागर जलाशय का जलस्तर 260 मीटर होने पर ही मार्ग अवरुद्ध हो जाने के कारण NHDC विभाग खंडवा आर एंड आर द्वारा हरदा जिले के ग्राम पोखरनी तहसील खिरकिया पहन. 19 ताल पानी (नाला) खसरा नं. 39 पर पुलिया का निर्माण कर मेरी निजी कृषि भूमि खसरा नं. 1/7 में स्थित मार्ग को उंचा उठाया गया ताकि जलाशय में जलभराव किया जा सके। बांध का जलस्तर 262.13 मीटर कर देने पर बैंक वाटर द्वारा नाले का जल प्रवाह का मार्ग अवरुद्ध होने के कारण, स्टापडेम जैसी स्थिति निर्मित होने से प्रतिवर्ष खरीफ की फसल नष्ट होने पर दिए गए लगातार आवेदन एवं सीएम हेल्पलाईन पर श्रीमान वरिष्ठ प्रबंधक महोदय आर एंड आर (सिविल) / महाप्रबंधक / श्रीमान संचालक महोदय नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण भोपाल ( पुर्न) द्वारा जानबूझकर छल कपट कर भौगोलिक एवं तथ्यात्मक जानकारी को छुपाकर (किसी गांव के नाले पर बनाया गया है) भ्रामक प्रतिवेदन / कथन देकर मेरी कृषि भूमि को स्थायी क्षति पहुंचाकर मानसिक एवं आर्थिक प्रताड़ना देने बाबत । सहपत्र 1,213,4,5,617
यशस्वी प्रधानमंत्री जी.
मैं आवेदक चक्रपाणी पिता उमाशंकर पांडेय जाति ब्राम्हण हरदा जिले का किसान हूँ। मेरे पिता भारतीय सेना में सैनिक थे। इसलिए मैं आपके मूल्यवान समय जो कि सभी 135 करोड़ देशवासियों के लिए ही है, नही चाहते हुए भी विगत 11 वर्षो से अधिकारियों की लापरवाही से परेशान होकर सबसे आखिर में आपके कुछ क्षण अपने लिए मांग रहा हूं। ईश्वर की कृपा एवं हमारे सौभाग्य से आप दूसरी बार भारी बहुमत से प्रधानमंत्री चुने गए है तब आपने कहा था कि मेरी प्राथमिकता रहेगी कि सबसे अंतिम व्यक्ति को भी उसका हक और न्याय मिलना चाहिए। इसी तारतम्य में आपसे सादर निवेदन है कि मेरी कृषि भूमि, वह नाला जिस पर NHDC विभाग द्वारा पुलिया निर्माण कर जलाशय में जलभराव किया, (नाले का मार्ग अवरूद्ध किया), जलाशय का बैकवाटर जिससे नाले का पानी थोव लगकर उंचे उठाए गए मार्ग से टकराकर मेरे खेत में प्रपात की भांति गिरता है, क्षतिग्रस्त कृषि भूमि सब जैसी थी वैसी ही है, आज भी किसी गांव वाले किसान या कोटवार महोदय से पूछा जावे तो सच्चाई बयान कर सकता है, क्योंकि ऐसी स्थिति को प्रायः हर वर्ष निर्मित होती है. किन्तु संबंधित अधिकारी जिनको समस्या का समाधान करना था, प्रशासन के विरुद्ध शिकायत होने के कारण समस्या का समाधान करने की जगह आवेदन / शिकायत का क्या जबाब देना है पर ही कार्य किया गया है।