हरदा / कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री आदित्य सिंह ने म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 एवं संशोधित अधिनियम 2022 के तहत हरदा जिले को 31 जुलाई 2025 तक जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री आदित्य सिंह ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। ट्यूबवेल और हैंड पंप खनन पर आज से प्रतिबंध लगा दिया गया है। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि ग्रीष्मकाल में अत्याधिक गर्मी में तापमान बढ़ने के फलस्वरूप जल स्तर में अधिक गिरावट संभावित है। गिरते भू-जल स्तर को ध्यान में रखते हुये म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत निजी नवीन नलकूप खनन तथा जल स्रोतों से सिंचाई पर यह प्रतिबंध लगाया गया है।
जारी आदेश अनुसार अब निजी नलकूप और हैंडपंप खनन के लिये विधिवत अनुमति लेना होगी। अब बिना सक्षम अनुमति के कोई भी व्यक्ति प्रायवेट ट्यूबवेल या हैण्डपंप का खनन नहीं कर सकेगा। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री सिंह ने बताया कि आदेश का उल्लंघन होने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाकर दंडित किया जायेगा। नलकूप खनन एवं सिंचाई की अनुज्ञा जारी करने के लिये संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अधिकृत किया गया है।