मौसम के बदलाव के साथ हमे हमारी सेहत का भी खासा ध्यान रखना आवश्यक होता है। अचानक आए मौसम के परिवर्तन से हमारी सेहत पर भी असर होता है। गर्मी सर्दी के कारण हमारे शरीर नस नाडियों और खून की चाल पर फर्क पड़ रहा होता है हम ध्यान न दे तो यह हमारे ह्दय पर अघात होता है जिसे हम डाक्टरी भाषा में कह सकते है हार्ट अटैक। प्रकृति में बदलाव आना उसका अपना नियम है जो हम तो नही बदल सकते मगर प्रकृति के नियमों को अपनाते हुए अपनी सेहत का ध्यान रखें प्रकृति के नियमो के विरुद्ध हमारा खान पान रहन सहन और आदते न होने से हम बिमारियों की चपेट में आ जातें है।
सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक क्यूं आता –
सर्दी के मौसम में जिनकी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत है। वह तीखी सर्दी को भी झेल जाते है। लेकिन जिनमें सर्दी झेलने की क्षमता नही होती है। उन्हे गर्म कपड़ों को पहनना चाहिए। जो लोग सर्द हवाओं और तेज ठंड में गर्म कपड़े नही पहनते और नियमित व्यायाम नही करते । उनकी इस मौसम में ठंडी के कारण उनकी नसें सिकुड़ कर सख्त हो जाती है।इससे हार्ट तक खून लाने व ले जाने वाली नसों की क्षमता कम होती है। नसों के अंातरिक संरचना सिकुड़ने से में खून का दबाब अत्याधिक बढ़ने लगता है। ब्लड फ्लो तेज होने पर ब्लडप्रेशर भी बढ़ने लगता है। इससे ह्दय पर अत्याधिक दबाब पड़ता है इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
पब्लिक लाइब्रेरी ऑफ साइंस जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार जिन लोगो को हृदय की बिमारी है उन लोगो को सर्दी में बचाव करना आवश्यक है क्योकि इन लोगो पर हार्ट अटैक होने का खतरा ज्यादा है। सुबह उठने से पहले पांच मिनट बेड पर बैठ जाए। यह क्रिया भी शरीर के लाभ दायक है।
ह्रदय रोग के लक्षण –
हम बिमारी के पूर्व संकेत को समझ ले तो सावधानी रखकर बिमारी से दूर रह सकते है। इस बिमारी का पूर्व संकेत सांस लेने में तकलीफ, छाती में जलन चुभन, सीने पर वजन महसूस होना,पैर के टखने तलवों में सूजन, हाथ कमर गर्दन और जबड़ों में दर्द के लक्षण नजर आते हैं।
तो आपको तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए आपने खान पान का ध्यान रखें और हलके व्यायाम भी साथ में करें।
दिल की बिमारी होने के और भी अन्य कारण हो सकते है। आजकल हार्ट अटैक होने के अन्य कारण भी लोगो को समझ भी नही और संभलने का मौका भी नही मिलता और हार्ट अटैक आ जाता है। देखते देखते ही चंद सेंकंड आदमी भगवान को प्यारा हो जाता है। लोग विश्वास भी नही करते जो व्यक्ति दो मिनट पहलेे उनसे मिला बात की हाल चाल पूछा और वह खत्म हो गया।
सर्दियों के मौसम रखें इन बातों का ध्यान –
सर्दियों के मौसम में ज्यादा पानी न पिए हमारे ह्दय को शरीर में मौजूद रक्त को शुद्ध करना होता है। इसके लिए वह लगतार पंप होता रहता है। अगर हम सर्दियों में ज्यादा पानी पियेेगे तो आपके ह्दय को ज्यादा मेंहनत करनी पड़ती है।पानी भी आपकों जब जरुरत होगी तब ही हलका गुनगुना पानी पीना चाहिए। नमक का सेवन भी कम करना चाहिए। क्योकि ज्यादा नमक पानी को शरीर में रोकता है। पानी रुकेगा तो हार्ट पर पंप करने का दबाब भी बढ़ जायेगा। अगर आपको पूर्व में हार्ट अटैक आ गया है तो सुबह जल्दी न उठे और न ही टहलनें जाए। आप मौसम के नार्मल होने की राह देखें सर्दी में नसे सिकुड़े नही इस बात का ध्यान रखें। अपने शरीर के तापमान को गर्म बनाए रखना जरुरी है। मौसम कोई भी खुद को तनाव से बचाकर रखना चाहिए।ह्रदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार हार्ट पम्पिंग रेट 45 से ऊपर होने पर इसे माइल्ड या माइनर हार्ट अटैक की श्रेणी में रखा जाता है।
अटैक से पहले शरीर क्या संकेत देता –
ह्दय रोग विशेषज्ञ के अनुसार अटैक आने से पूर्व शरीर खुद ऐसे संकेत देता है। जिससे हम अंदाजा लगा सकते है कि खतरा बढ़ गया है। जैसे शरीर में थकान, अचानक कमजोरी, नींद न आना घबराहट, सांस लेने में तकलीफ, अचानक चिपचिपाहट वाला पसीना, सिर चक्कराना और जी मतलना आदि।अगर ऐसा महसूस हो तो तुरंत अपने मि़त्र और परिजनो को बताए ज्यादा गंभीर लगे तो तुरंत चिकित्सक से बात करें।