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भोपाल यूका कचरा प्रीथमपुर में जलाने के दौरान अगर कोई हादसा हुआ तो सरकार के क्या इंतजाम है – सुप्रीम कोर्ट

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मप्र.सरकार को जारी किया नोटिस

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। यूनियन कार्बाइड भोपाल का कचरा जलाने के विरोध मे विगत 3 महिने से लोगो द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है।इस सम्बंध मे सुप्रीम कोर्ट मे लगी याचिका पर सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने मप्र सरकार को नोटिस जारी किया है।कचरा जलाने के दौरान अगर कोई हादसा हुआ तो उनके पास क्या इन्तजाम है।

दायर याचिका में कई तरह की आशंकाएं व्यक्त करते हुए बताया गया है कि सरकार द्वारा किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए माकूल इंतेज़मात नहीं किए गए हैं। इस याचिका पर मप्र सरकार को 24 फरवरी से पहले जबाब देना होगा ।

मां कोर्ट को यचिकाकर्ता ने बताया है जहा कचरे का निष्पादन किया जाना है। वहां से 250 मीटर दूरी पर एक गांव भी है। इस दौरान कोई घटना होती है तो कोई पास अस्पताल भी नही है।

याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मे हुई सुनवाई

 

सुप्रीम कोर्ट ने शासन से यह सवाल उस जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए पूछा है, जिसमें कहा है कि यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे को जलाने से पहले शासन ने कोई इंतजाम नहीं किया है। ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता।

 

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 250 मीटर दूरी पर है एक गांव

याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की है। उन्होंने बताया कि हमने याचिका में कहा है कि सरकार बगैर पर्यावरण और स्वास्थ्य के नियमों का पालन किए यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को जलाने जा रही है। कचरा जलाने की प्रक्रिया नौ माह तक चलेगी। जिस जगह पर कचरा जलाया जाना है, उससे 250 मीटर दूरी पर एक गांव है। एक किमी के दायरे में अन्य गांव हैं। इन गांवों के ग्रामीणों को वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं करवाया गया है।सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए भी काम नहीं किया है। अगर कोई हादसा होता है तो पीथमपुर में अस्पताल तक नहीं है। किसी अनहोनी की स्थिति में बचाव के कोई इंतजाम नहीं हैं। इस तरह के कई मुद्दे हैं, जिन पर बात करना आवश्यक है।याचिका में कहा है कि शासन को इस मामले में राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर समितियां गठित करनी थी, लेकिन नहीं की गईं। सोमवार को न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति एजी मसीह ने शासन को नोटिस जारी कर 24 फरवरी से पहले जवाब मांगा है।

यूनियन कार्बाइड का 337 मीट्रिक टन कचरा धार जिले के पीथमपुर की वेस्ट मैनेजमेंट फैक्ट्री में जलाया जाना है।जबकि इसी फैक्ट्री को 20 दिसंबर 2024 में मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक नोटिस दिया गया है। नोटिस में कई कमियां गिनाकर फैक्ट्री प्रबंधन से जवाब-तलब किया गया है।

समाजिक संगठन भी है सक्रिय

समाजिक संगठन की कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने बताया कि

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का नोटिस में बता रहा है कि पीथमपुर की वेस्ट मैनेजमेंट इकाई के परिसर में सीवेज का जो पानी इकट्ठा हो रहा है। इस पानी में भी वही केमिकल पाए गए हैं, जो भोपाल में यूका परिसर के आसपास की बस्तियों के भूजल में पाए गए हैं। इससे साफ होता है कि यदि पीथमपुर में 337 मीट्रिक टन कचरा और जलाया गया तो वहां का भूजल अधिक दूषित हो सकता है।