कलयुगी भाई ने हड़प ली जमीन जायदाद, बुजुर्ग लगा रहा न्याय के मंदिर में बैठे भगवानो के सामने इंसाफ की गुहार। आखिर उम्र के आखिरी पड़ाव में कब मिलेगा बुजुर्ग को इंसाफ ??
हरदा। जिले के रहटगांव तहसील के ग्राम फुलड़ी निवासी एक बुजुर्ग की पैतृक संपत्ति को उसके भाई ने हड़प ली। पीड़ित बुजुर्ग ने कई बार रहटगांव तहसीलदार को शिकायत की आपत्तियां दर्ज कराई ।
लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई। उसकी आपत्तियां के बाद भी तहसीलदार के द्वारा बाबुओं पटवारी की साठगांठ से उसके हिस्से की जमीन उसके भाई के नाम कर दी गई।
जबकि नियमानुसार पैतृक संपत्ति में भाइयों बहनों के सभी के हिस्से होते है। लेकिन यहां पर सारे नियमों को नजर अंदाज करके मनमर्जी से फैसला लिया गया। और निजी स्वार्थ के चलते एक पक्ष को लाभ दिलाया गया है। ऐसा प्रतीत होता है।
आज पीड़ित बुजुर्ग ने जिला जनसुनवाई में शिकायत आवेदन दिया है। आवेदन को पढ़ने के बाद आप खुद सोचने को मजबूर हो जाओगे। की न्याय के मंदिर में बुजुर्ग को इंसाफ कब तक मिल पायेगा। या फिर उम्र के आखिरी पड़ाव में उसके अपने मकान अपने बच्चों का भविष्य फाइलों में ही दफ्न होकर रह जाएगा। देखना होगा। की जिलाधीश महोदय इस बुजुर्ग व्यक्ति की इस शिकायत पर जांच कब तक करवाते है।
आखिर न्याय के मंदिर में बैठे भगवान इसको इंसाफ कब तक दिला पायेंगे। हम आपको बता दे कि जिस भाई दिलीप गौर पर आरोप है। वो पहले से आपराधिक प्रवृति का व्यक्ति है पूर्व में पुलिस थाने में केस दर्ज है। उसके बाद भी रहटगांव तहसीलदार बाबू सभी उस पर मेहरबान है।
क्या है शिकायत आवेदन पत्र,,
प्रति
श्रीमान कलेक्टर महोदय
जिला हरदा।
आवेदकः- कांशीप्रसाद पिता भागीरथ जाति कुडमी निवासी ग्राम फुलडी तह० रहटगांव जिला हरदा म० प्र०
विषयः- तहसीलदार महोदय रहटगाँव. व्यास बाबू रहटगांव एवं हल्का पटवारी ग्राम फुलडी की कार्यप्रणाली के संबंध में शिकायत
महोदय जी
उपरोक्त विषयातंर्गत लेख है कि आवेदक की ग्राम फुलडी तहसील रहटगांव जिला हरदा स्थित 08 एकड कृषि भूमि जो कि, आवेदक के नाम से रजिस्ट्री होना था परन्तु आवेदक के भाई दिलीप द्वारा धोखाधडी से आवेदक की सहमति बगैर उक्त भूमि की रजिस्ट्री अपनी पत्नि मनु के नाम करवा ली गई है। आवेदक और उसका भाई संयुक्त रूप से ग्राम फुलडी स्थित पैत्रक कृषि भूमि 16 एकड पर कृषि करते थें आवेदक आडीनेस फेक्ट्री इटारसी में शासकीय सेवक के पश्चात भी वह अपनी सेवा देने के साथ साथ भाई का कृषिकरण कार्य में हाथ बटाने फुलडी आता रहता था उक्त पैत्रक कृषि भूमि 16 एकड की आय से एवं आवेदक की तनख्वाह से जमा राशि बीस लाख रूपये से ग्राम पांडरमाटी तहसील रहटगांव स्थित 08 एकड कृषि भूमि एवं ग्राम फुलडी स्थित कृषि भूमि को कय किया गया था।
मात्र रजिस्ट्री होना बांकी था। पंडरमाटी की 08 एकड जमीन की रजिस्ट्री आवेदक के भाई दिलीप के नाम होना था एवं ग्राम फुलडी की 08 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री आवेदक के नाम से होना थी।
परन्तु आवेदक के भाई दिलीप द्वारा आवेदक का हिस्सा व हक हडपने की नियत से ग्राम पांडरमाटी की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम एवं ग्राम फुलडी की जमीन की रजिस्ट्री अपनी पत्नि मनु के नाम करवा कर आवेदक का हक व हिस्से को हडप लिया गया है।
एक तरफ आवेदक ने अपनी सारी जमा पूंजी और पैत्रक कृषि भूमि में भाई के साथ बराबर मेहनत करके कृषि आयो उक्त दोनों जमीन को खरीदने में खर्च कर दिया और आवेदक के भाई ने चौखा धड़ी करते हुये उक्त दोनों जमीनों को अपने एवं अपनी पत्नि के नाम कराकर आवेदक का हक डुबो दिया है।
यह कि, अब न तो आवेदक के पास धन बचा है।
और न ही संपत्ति बची है। आवेदक वेवस लाचार और मजबूर होकर शासन प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहा है । लेकिन कही उसकी सुनवाई नही हो रही दिलीप ने जो आवेदक के हिस्से की ग्राम फ़ुलड़ी में क्रय की हुई जमीन की रजिस्ट्री आवेदक के भाई दिलीप ने अपनी पत्नि मनु के नाम धोखा धड़ी से कर ली गई।
उसके बाद नामांतरण हेतु तहसीलदार महोदय रहटगांव के समक्ष आवेदन पेश किया गया जिसकी आवेदक को जानकारी होने पर आवेदक ने नामांतरण पर आपत्ति पेश की जिसमें उपरोक्त संपूर्ण वास्तविक विवरण से तहसीलदार महोदय रहटगांव को अवगत कराया गया।
परन्तु तहसीलदार महोदय रहटगांव , व्यास बाबू जी रहटगांव एवं हल्का पटवारी फुलडी द्वारा आवेदक के भाई दिलीप से मिली भगत करके दिलीप की पत्नि के नाम पर जमीन का नामांतरण कर दिया गया।
यह है कि इसी प्रकार आवेदक के हिस्से में ग्राम फुलडी का पैत्रक आवादी भूमि पर बना मकान जिसको भी आवेदक की माँ ने वसीयत द्वारा आवेदक को प्रदान किया था।
यह भी आवेदक के भाई दिलीप द्वारा अपने पुत्र अभय के नाम से राजस्व रिकार्ड में धोखा धडी पूर्वक दर्ज करा दिया गया और आवेदक का हक एवं हिस्सा हडप लिया गया ।
इसी प्रकार ग्राम में एक अन्य मकान जो आवेदक एवं भाई दिलीप द्वारा कय किया गया था उसे भी आवेदक के भाई उसे भी अपने पुत्र अभय के नाम कराकर आवेदक का हक डुवोया है।
उक्त मकान के संबंध में भी आवेदक द्वारा तहसीलदार महोदय रहटगांव को शिकायत की गई।
परन्तु उन्होने इस पर भी कोई कार्यवाही नही की आवेदक द्वारा तहसील रहटगांव में बार बार आकर गुहार लगाई गई ।
परन्तु आवेदक को न्याय प्रदान नही किया गया इसमें भी आवेदक के भाई दिलीप ने तहसीलदार रहटगांव हल्का पटवारी फुलडी एवं व्यास बाबू जी रहटगांव से मिली भगत की गई। और इसी मिली भगत के कारण उनके द्वारा कोई कार्यवाही नही की और आवेदक को न्याय से बंचित रखा।
उपरोक्त कारणों से आवेदक द्वारा तहसीलदार महोदय रहटगांव हल्का पटवारी फुलडी एवं व्यास बाबू जी रहटगांव की शिकायत महोदय से की जा रही है।
इन लोगों की आवेदक के भाई दिलीप से सांठ गांठ एवं मिली भगत है और इनके रहते आवेदक को न तो उसकी जमीन और मकान मिल पायेगा और न ही आवेदक को न्याय मिल पायेग। इस कारण से उपरोक्त तीनों लोगों का ट्रांसफर अति शीघ्र करवाया जावे ताकि आवेदक को उसके हिस्से की भूमि एवं मकान प्राप्त
होकर न्याय मिल सकें। यही निवेदन है।
आवेदक।