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Ladli Behna Yojana: क्या लाडली बहनों के लिए मध्यप्रदेश सरकार के पास नहीं है पैसे, कांग्रेस के इस नेता ने कही बड़ी बात

Ladli Behna Yojana: मध्य प्रदेश की राजनीति में लाड़ली बहना योजना एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है। यह योजना, जिसका उद्देश्य महिलाओं और युवतियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है, सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच जुबानी जंग का केंद्र बनी हुई है। दोनों दल इस योजना को लेकर एक-दूसरे पर हमले बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।

कांग्रेस ने लगाया सरकार पर कर्ज के बोझ का आरोप

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने हाल ही में लाड़ली बहना योजना को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर दावा किया कि सरकार के पास इस योजना के लिए पर्याप्त धन नहीं है और यह कर्ज लेकर चलाई जा रही है। पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रस्तावित विदेशी दौरे पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना था कि जब सरकार के पास महिलाओं और किसानों के लिए पैसा नहीं है, तब मुख्यमंत्री विदेश यात्राओं पर करोड़ों रुपये खर्च करने की तैयारी में हैं।

जीतू पटवारी ने अपने ट्वीट में लिखा

“कर्ज लेकर चल रही सरकार के पास किसानों और लाड़ली बहनों को देने के लिए पैसा नहीं है, लेकिन सरकारी पर्यटन की लग्जरी में करोड़ों फूंके जा रहे हैं।”
उन्होंने उज्जैन के महाकाल लोक के पर्यटन विकास को लेकर भी सीएम यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यह केवल जनता का ध्यान भटकाने का तरीका है।

बीजेपी ने दिया पलटवार

जीतू पटवारी के आरोपों पर बीजेपी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने पटवारी के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि लाड़ली बहना योजना पूरी पारदर्शिता के साथ चल रही है और इसमें हर महीने लाभार्थियों को राशि दी जा रही है। सलूजा ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस केवल विकास विरोधी राजनीति करती है और हर सकारात्मक प्रयास का विरोध करना उनकी आदत बन चुकी है।

सलूजा ने यह भी दावा किया कि प्रदेश में न केवल लाड़ली बहना योजना बल्कि किसानों को सम्मान निधि और गैस सिलेंडर रिफिल की राशि भी समय पर दी जा रही है। उनका कहना था कि यह सरकार जनता के लिए पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है, जबकि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में केवल खोखले वादे किए थे।

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निवेश और विदेशी यात्राओं पर आरोप-प्रत्यारोप

पटवारी ने मुख्यमंत्री की इंग्लैंड और जर्मनी यात्रा की योजना को लेकर भी सवाल उठाए। उनका आरोप था कि यह यात्रा केवल सरकारी पर्यटन है और इससे राज्य को कोई लाभ नहीं होगा। इसके जवाब में बीजेपी ने कांग्रेस की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कमलनाथ सरकार के दौरान विदेशी यात्राएं की गई थीं, तब जीतू पटवारी ने कोई सवाल नहीं उठाए थे।

बीजेपी का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री की ये यात्राएं प्रदेश में निवेश लाने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए हैं। उन्होंने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का उदाहरण देते हुए कहा कि इस आयोजन की सफलता का प्रमाण इसमें मिले निवेश के प्रस्ताव हैं। बीजेपी ने कांग्रेस को याद दिलाया कि उनके समय में न तो निवेश आया और न ही विकास के ठोस कदम उठाए गए।

राजनीति के केंद्र में लाड़ली बहना योजना

यह साफ है कि लाड़ली बहना योजना मध्य प्रदेश की राजनीति का अहम मुद्दा बन चुकी है। सत्ताधारी बीजेपी इसे महिलाओं को सशक्त बनाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कदम मानती है, जबकि कांग्रेस इसे चुनावी हथकंडा बताकर सरकार पर निशाना साध रही है।

हालांकि, विपक्ष के आरोपों और सरकार के बचाव के बीच आम जनता यह जानने को उत्सुक है कि इस योजना का भविष्य क्या होगा। क्या यह वाकई महिलाओं के जीवन में बदलाव ला पाएगी, या फिर यह केवल राजनीति का एक और मुद्दा बनकर रह जाएगी?

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