इंदौर में नकली फोन पे एप से लाखो की ठगी! दुकानदार पैट्रोल पम्प कर्मचारियो से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश!
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। आज कल शातिर लोग ठगी करने के नए नए हाईटेक तरीके अपना रहे है। आज शहर में नकली PhonePe एप के जरिए ठगी करने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने धीरज गोयल और सुयश परमार को कनाड़िया पुलिस ने गिरफ्तार किया है।इं लोगो ने अब तक 29 से ज्यादा लोगों को ठगा हैं, जिनमें दुकानदारों के अलावा पेट्रोल पंप कर्मचारी भी शामिल हैं।
पाटीदार फ्यूल स्टेशन के कर्मचारी नितिन पाटीदार ने पुलिस को शिकायत मे बताया कि 22 मई को आरोपियों ने पेट्रोल डलवाया और नकद पैसे की आवश्यकता जताई। उन्होंने खुद को अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजन बताया और नकद के बदले फर्जी PhonePe एप से भुगतान दिखाकर नितिन से ₹6,000 नकद ले लिए। बाद में नितिन को पता चला कि ट्रांजेक्शन फर्जी था। जब इस बारे में उसने अपने दोस्त रोहित से बात की तो उसने भी ऐसी ही एक घटना के बारे में बताया, जिसमें उसने ₹4,500 की ठगी झेली थी।
आरोपियो को सीसीटीवी फुटेज से किया गिरफ्तार
पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की और स्कूटर नंबर के आधार पर आरोपियों तक पहुंच गई। टीआई सहर्ष यादव और उनकी टीम ने घरों की पहचान कर शनिवार को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
कमाल का नकली PhonePe एप
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि टेलीग्राम चैनल से एक नकली PhonePe एप खरीदा था। इस एप की खासियत यह थी कि स्कैनर, नाम, अमाउंट, पिन और ट्रांजेक्शन ट्यून सभी असली PhonePe एप जैसे थे। ठग इसी का फायदा उठाकर नकली पेमेंट दिखाते थे और दुकानदारों को यकीन दिलाने के लिए एप की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री भी दिखा देते थे।
हर दिन लोगो को बनाते अपना शिकार
इस गिरोह की ठगी का तरीका बेहद शातिराना था। वे रोजाना सुबह ठगी के लिए निकलते और दिनभर में कई दुकानों से नकद पैसे ऐंठकर लौटते थे। पुलिस अब इनसे जुड़ी और घटनाओं की भी जांच कर रही है।