मकड़ाई समाचार मुरैना। ग्वालियर लोकायुक्त टीम ने सोमवार की दोपहर सीएमएचओ ऑफिस में छापा मारा और 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए सीएमएचओ कार्यालय के बाबू को रंगे हाथ पकड़ लिया। सीएमएचओ ऑफिस का बाबू पंकज जैन ने शहर में पैथोलॉजी लैब चलाने वाले एक युवक से यह रिश्वत ली थी।
लोकायुक्त निरीक्षक कविंद्र सिंह चौहान,राघवेन्द्र सिंह तोमर व बृजमोहन तोमर की अगुआई वाली करीब 10 सदस्यीय टीम सोमवार दोपहर पौने एक बजे सीएमएचओ ऑफिस में पहुंची। लोकायुक्त टीम से पहले अपेक्स पैथोलॉजी लैब संचालक रमेश होलकर सीएमएचओ ऑफिस के बाबू पंकज जैन के चेंबर में गए। करीब तीन मिनट की बातचीत के बाद रमेश होलकर ने 5000 रुपये पंकज जैन को दिए, जिन्हें पंकज ने पर्स में रख लिया। इसके तत्काल बाद लोकायुक्त टीम पहुंच गई और बाबू काे गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही लोकायुक्त टीम ने अपना परिचय दिया ताे पंकज के पसीने छूट गए और हाथ कांपने लगे। उसने पीछे की जेब में रखे पर्स को निकालना चाहा, तभी लोकायुक्तकर्मी नेतराम राजौरिया व अंकित शर्मा ने उसके हाथ पकड़ लिए। लोकायुक्त टीम ने खुद पर्स निकाला और उसमें रखे 5000 रुपये के नोटों को निकालने के बाद, घूसखोर बाबू पंकज जैन के हाथ धुलवाए गए तो पानी गुलाबी रंग का हो गया। खबर लिखे जाने तक लोकायुक्त टीम की कार्रवाई जारी थी। लोकायुक्त की टीम सीएमएचओ डा. एडी शर्मा के चेंबर में बैठकर पूरी लिखा-पढ़ी कर रही थी, इस दौरान सीएमएचओ भी ऑफिस में नहीं थे। बताया गया है कि सीएमएचओ कलेक्टर की टीएल बैठक में गए हैं।
चार महीने से कर रहा था परेशानः घूसखोर बाबू को रंगे हाथ पकड़वाने वाले रमेश होलकर ने नईदुनिया से चर्चा के दौरान कहा, कि शहर के रामनगर तिराहा के पास वह अपेक्स नाम से पैथोलॉजी लैब चलाता है। तीन साल पहले उसने लैब खाेली थी। हर तीन साल में सीएमएचओ ऑफिस से लैब का लाइसेंस नवीनीकरण होता है। इसलिए उसने मार्च महीने में नवीनीकरण का आवेदन किया। लाइसेंस नवीनीकरण के लिए वह जब भी बाबू पंकज जैन के पास आता था ताे वह रिश्वत की मांग करता था। 29 जुलाई को उसने पंकज जैन द्वारा 5000 रुपये रिश्वत की मांग का ऑडियो रिकार्ड कर लिया था। यही ऑडियो लोकायुक्त को शिकायत के साथ दिया था, जिसके आधार पर लोकायुक्त ने पहले बाबू पंकज जैन पर मामला दर्ज किया फिर छापा मारकर उसे रंगे हाथ पकड़ा है।
वर्जन-
लैब संचालक रमेश होलकर से सीएमएचओ ऑफिस के बाबू पंकज जैन ने लाइसेंस नवीनीकरण के एवज में 5000 रुपये लिए, जिसे हमने रंगे हाथ पकड़ा है। आरोपित पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला पहले ही दर्ज कर लिया था। अब आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कविंद्र सिंह चौहान, निरीक्षक, लोकायुक्त