MP News : कलेक्टर ने कहा लापरवाही बर्दाश्त नहीः अनियमितता को लेकर कलेक्टर ने 4 तहसीलदार का एक माह और 4 नायब तहसीलदार का 7 दिन का वेतन किया राजसात
जिला कलेक्टर चाहे तो पूरा राजस्व विभाग और जिले की व्यवस्था सुदृढ और मजबूत बनाया जा सकता हैं। अपने विभाग के साथ दूसरे अन्य शाखाओं पर हो रही लापरवाही और भ्रष्टचार पर अंकुश लगाया जा सकता हैं पूर्व में पहले 4 पटवारी 1 आरआई को भी किया था निलंबित।|
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। जिले के मुखिया द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारियों की कार्य के प्रति अनियमितता या लापरवाही के कारण मामलें पेंडिंग से आमजन को परेशानी होती है इस बात कि शिकायतें मिलने पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।
अनियमितता पर कलेक्टर ने की सख्त कार्यवाही
ऐसा ही जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कार्यवाही करते हुए राजस्व न्यायालय में अनियमितता को लेकर 4 तहसीलदार और 4 नायब तहसीलदार का वेतन राजसात कर दिया। इसमें चार अधिकारियों का एक माह और चार का सात दिन का वेतन राजसात किया गया है।ज्ञात हो कि पूर्व में कलेक्टर ने 4 पटवारियों और एक आरआई को निलंबित भी किया था। राजस्व प्रकरणांे में लापरवाही की शिकायतें मिलने के बाद कलेक्टर ने मीटिंग के दौरान कई बार अधिकारियों को चेतावनी भी दी थी बावजूद उनके कार्यशैली में बदलाव नही आया था।इसी को लेकर कलेक्टर ने तीन अपर कलेक्टर सेे शिकायतों को लेकर जांच कराई जिसमें राजस्व बोर्ड पर अनियमितता निकलकर आई।
इनका वेतन हुआ राजसात
कलेक्टर द्वारा वेतन राजसात की कार्यवाही कनाड़िया तहसीलदार योगेश मेश्राम, जूनी इंदौर तहसीलदार जगदीश रंधावा, मल्हारगंज तहसीलदार शैवालसिंह, नायब तहसीलदार मल्हारगंज जितेंद्र वर्मा का एक माह का वेतन राजसात किया गया, जबकि नायब तहसीलदार खुड़ैल जितेंद्र सोलंकी, सांवेर चोखालाल टाक, हातोद शिखा सोनी और टप्पा बेटमा धर्मेंद्र सिंह चौहान का 7 दिन का वेतन राजसात किया गया। कलेक्टर की कार्यवाही के बाद से राजस्व विभाग में सर्तकता देखी जा रही है।