मकड़ाई समाचार हरदा। कृषि मंत्री के गृह जिले में किसानों के साथ जिला प्रशासन तानाशाही आदेश दे रहे है। किसानों को उनकी समस्या हल करने की बजाय उन्हें अपमानित करने का तुगलकी फरमान जिला कलेक्टर ने दिया है। क्या कलेक्टर साहब स्पष्ट करेंगे की जो फरमान उन्होंने सहकारी समितियों को किसानों से ऋण बसूली के दिये है क्या यह शासन के आदेश है अगर शासन के आदेश है तो सरकार को ये आदेश देने के पहले पूर्व की कांग्रेस सरकार ने जो किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ करने का फैसला कैबिनेट बैठक में लिया था उस फैसले को सरकार या तो कैबिनेट में निरस्त करे अन्यथा किसानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ कर सरकार किसानो से उनकी उपज महीनो बाद भी समर्थन मूल्य पर नही खरीद रही है। जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन साई ने जिला कलेक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को सहकारी समितियों से खाद नही दिया जा रहा है जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी कह रहे है की हमे खाद देना बंद कर दिया है। श्री साई ने कहा कि किसानों को खाद नही दे सकते ये सीधा सीधा किसानों को कालाबजारी के माध्यम से लूटने का प्रयास है कृषि मंत्री अपनी ढपली अलग ही बजा रहे है रोज कांग्रेस की चली आ रही योजनाओं को अपनी बात कर कह रहे है।
किसानों का बिजली बिल कृषि विभाग से हम जमा कर रहे कृषि मंत्री जी 1993 से 2003 तक किसानों का पांच हॉर्स पावर का पूरा बिल माफ था चाहे। वो किसी भी वर्ग का किसान हो ये कोई नई योजना नही है। आप तो जुमले बाजी बंद कर किसानों को 2020 खरीफ का बीमा 2019 और 2020 कि राहत राशि तत्काल थे या फिर अपने आप को किसान पुत्र और ये किसानो सरकार है। ये राग अलापना बंद करे कृषि मंत्री अपनी नाकामियां आप नही छुपा सकते किसान समझ चुका है। किसान कांग्रेस आपकी हर जुमलेबाजी को किसानों के गरीबो के सामने रखेगी।