MP NEWS : डॉक्टर ने खुद को इंजेक्शन लगाकर दी जान, सुसाइड नोट में लिखा- पत्नी की ये हरकतें सहन नहीं होतीं
मकड़ाई समाचार ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित रेलवे के एक डॉक्टर ने अपनी पत्नी, डॉक्टर ससुर और साली से परेशान आकर खुद को जहरीला इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने जब शव की जांच की तो, डॉक्टर के पास से चार पन्नों का सुसाइड नोट मिला। डॉक्टर द्वारा ये सुसाइड नोट अस्पताल के पर्चों पर लिखा था। सुसाइड नोट में लिखा था मैंने आपके हाथ-पैर जोड़े, पैर छूकर मिन्नतें भी कीं, लेकिन आपने मेरी एक न मानी। मेरे खिलाफ दहेज और मारपीट का झूठा केस लगा दिया। अब मैं इस दर्द को सहन नहीं कर पा रहा। आप लोगों के चक्कर में मेरी मां भी मेरे साथ नहीं है।
शहर के पटेल नगर स्थित सिटी सेंटर में रहने वाले डॉ. गौरव कुमार गुप्ता रेलवे अस्पताल में कार्यरत थे। डॉ. गौरव सोमवार रात अपने दोस्त डॉ. महेंद्र के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि, उनका मन ठीक नहीं है, इसलिये वो उन्हीं के पास रुकना चाहते हैं। उनकी हालत देखते हुए डॉ. महेंद्र ने अपने नर्सिंग होम का रूम उनके लिये खोल दिया और वो खुद अपने घर चले गए। अगले दिन मंगलवार की दोपहर जब डॉ. महेन्द्र अपने नर्सिंग होम पहुंचे, तो यहां उन्होंने डॉ. गौरव को बेड पर पड़े देखा। नजदीक ही सिरिंज और इंजेक्शन भी पड़ा था, जिसे देखकर उन्हें ये आभास हो गया कि, गौरव ने इंजेक्शन खिद पर इस्तेमाल कर लिया है। जांच करने पर डॉ. महेंद्र ने पाया की गोरव की मौत हो चुकी थी। उन्होंने तत्काल ही पुलिस को इंस संबंध में सूचित किया।
पत्नी, डॉ. ससुर और साली करती थी प्रताड़ित- सुसाइड नोट में लिखा
जानकारी लगते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट अखिलेश भार्गव की मदद से स्पॉट जांच कराई, जिसमें मृतक के पास से चार पेज का एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार पत्नी शैली, ससुर डॉ. एमएल गुप्ता और साली नेहा को बताते हुए उनके द्वारा परेशान किये जाने का जिक्र किया। उन्होंने लिखा कि, पत्नी की प्रताड़ना और ससुराल वालों द्वारा दहेज के झूठे मामले में फंसाकर उसकी जिंदगी बर्बाद करने का जिक्र किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजकर इस हाईप्रोफाइल मामले की जांच शुरु कर दी है।
पत्र में लिखा- ‘अंदर से टूट चुका हूं’
जहरीला इंजेक्शन लगाकर आत्महत्या करने वाले डॉ. गौरव कुमार गुप्ता ने चार पेज के सुसाइड नोट अंग्रेजी में लिखा था, जिसका अनुवाद ये है-, ‘मैंने आपके हाथ-पैर जोड़े, पैर छूए और मिन्नतें भी कीं, लेकिन आप लोगों ने मेरी एक न सुनी। मेरे खिलाफ दहेज और मारपीट का झूठा केस लगा दिया। नेहा (साली) और उसके पति को अप्रैल में कोरोना हुआ, तो मैं अपनी गाड़ी से उन्हें नोएडा से लेकर गया था। नेहा के पति को अपोलो में भर्ती कराया, बच्चों और नेहा को अपने पास घर में रखा। पैसा खर्च किया, लेकिन बदले में तुम सबने साजिश रची। पर मेरे पास मोबाइल में कुछ फुटेज हैं। अब मैं ये दर्द सहन नहीं कर पा रहा। आपके चक्कर में रिटायर्ड होने के बाद भी मां मेरे साथ नहीं आ सकी।