मकड़ाई एक्सप्रेस सीहोर : चुनाव के दौरान टिकिट वितरण करना पार्टी के लिए बहुत टेढ़ी खीर होता है, क्योकि एक ही विधानसभा में एक ही प्रत्याशी को टिकिट दिया जाना है और उसके दावेदारों की संख्या एक से ज्यादा होती है। जिसे टिकिट मिल जाए तो वह खुशनसीब और जिसे नही मिलती है वह पार्टी से असंतुष्ट हो जाता है कही बार तो सीधे सीधे वरिष्ठ नेतृत्व और हाईकमान से बगावत कर विरोधी खेमे मे जाने की धमकी भी देता हैं ऐसा राजनीति में होता है आया है इसलिए बुर्जुगों ने कहा है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नही होता है।
मप्र में भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है जिसमें कुछ जगहों पर दोनो पार्टियों से टिकिट की उम्मीद लगाए लोगो के बजाए अन्य को टिकिट मिलने से उन्हे निराशा हुई है।
मप्र विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा ने शनिवार को 5 वी लिस्ट जारी की हैं जिसमें 3 मंत्री और 2 दर्जन विधायकों के नाम काटे गए जिससे उनके समर्थक खुलकर विरोध कर रहे हैं |
भाजपा की 5 वी लिस्ट के जारी होते ही वही नाम कटने के बाद ..आशा लगाए … नेता दर्द बयां नही कर पा रहे है , सीने में आक्रोश की ज्वाला धधक रही है, तो नेत्रों से गंगा जमुना भी छलक रही हैं ऐसे में अगर उन्हें मीटिंग आदि में संबोधन करना पढ़े तो दर्द आखिर जुबां पर आ ही जाता हैं |
सीहोर की आष्टा विधानसभा सीट से भाजपा की पांचवी सूची में विधायक रघुनाथ सिंह का टिकट काटकर गोपाल सिंह को बनाया है| विधायक रघुनाथ मालवीय का दर्द अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के दौरान छलक उठा और अपना टिकट कटने से वहीं पर रोने लगे। इससे उनके समर्थकों पर भी खासा प्रभाव पड़ाभाजपा की 5 लिस्ट से अपना नाम कटने का दर्द आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह बर्दाश्त नही कर पा रहे हैं नगर में कार्यकर्ताओ की बैठक को संबोधन के दौरान उनका गला रुंध आया और वहीं पर वह फूट फूट कर रोने लगे। इसी दौरान उनके समथक कार्यकर्ता उठे और उन्हे सहारा दिया हिम्मत बढ़ाई की हर परिस्थति में उनके साथ है। टिकट कटा तो फूट.फूटकर रोए भाजपा विधायक रघुनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने हमेशा पार्टी गाइडलाइन और जनता के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए राजनीति की लेकिन इसके बावजूद उनका टिकट काट दिया गया। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा भाजपा ने बाहरी प्रत्याशी को टिकट दिया है किसी स्थानीय कार्यकर्ता को टिकट दे देते तो ज्यादा अच्छा होता।