मकड़ाई समाचार बामनिया। झाबुआ जिले के बामनिया में स्थिति दिल्ली मुंबई बड़ी रेल लाइन की रेलवे ट्रैक पर बने, रेलवे फाटक को तोड़ते हुए एक ट्राला गुरूवार सुबह ट्रैक पर जा घुसा। चपेट में आने से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। एक अन्य घायल की उपचार के दौरान मौत हो गई। दुर्घटना के बाद के मृतक के स्वजनों व लोगों की मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई। लोगों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर धरना दिया। लोगों की मांग थी कि मृतक के स्वजनों को मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए। बाद में समझाइश के बाद धरना खत्म किया गया। इस दौरान दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक 4 घंटे तक प्रभावित रहा।
ट्राला (आरजे, 17 जीए 8187) रतलाम से खवासा की ओर जा रहा था जो अचानक अनियंत्रित होकर बंद फाटक में जा घुसा। इधर करवड़ निवासी मनोरमा भंडारी व रामपुरिया निवासी कालू डोडिया फाटक खुलने का इंतजार कर रहे थे कि अनियत्रित ट्राले की चपेट में आ गए जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं करवड़ के ही सुभाष भंडारी को प्राथमिक उपचार के बाद गोधरा भेजा गया। जहां उपचार के दौरान उनकी भी मौत हो गई। दुर्घटना में दोनों पति-पत्नी की मौत हो गई। दुर्घटना के बाद ट्राले के चालक-परिचालक मौके से फरार हो गए।
शव रखकर किया प्रदर्शन
इस हादसे को लेकर मृतक के स्वजन और अन्य सामाजिक संगठन ने शव रेलवे ट्रैक पर रखकर प्रदर्शन किया। लोगों की मांग थी कि मृतक के स्वजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए। प्रदर्शन के दौरान करीब 4 घंटे दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक बंद रहा। बाद में अधिकारियों की समझाइश के बाद आवगमन शुरू किया गया।
खाद लेने जा रहे थे
बताया जा रहा है मृतक कालू डोडिया बामनिया में खाद की किल्लत और ना मिलने के कारण अपने खेत के लिए यूरिया खाद खरीदने को खवासा जा रहे थे। तब बामनिया रेलवे फाटक बंद होने के कारण फाटक पर ट्रेन निकल जाने का इंतजार करते हुए खड़े थे। तभी पीछे से तेज गति से आए हुए ट्राले ने बाइक सवारों को रौंदते हुए फाटक तोड़ दिया और रेलवे ट्रैक पर पहुंच गया। सुबह के समय जब यह हादसा हुआ इससे पहले कुछ लोगों ने देखा रतलाम रोड़ पर यह ट्रक ड्राइवर किसी गाड़ी को बड़ी तेजी से ओवरटेक कर रहा था। रतलाम रोड पर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का साइड ग्लास भी वाहन टकराने से टूट चुका था जिस पर लोगों ने समझाइश देकर जाम ना लगाने की बात कही और आगे जाने को कहा।
यह बोले अधिकारी
एसडीएम अनिल राठौर का कहना है कि मृतक के परिजनों ने दो लाख रुपए और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की प्रशासन के सामने मांग बात रखी है।
एसडीओपी सोनू डावर, तहसीलदार जगदीश वर्मा का कहना है कि उचित मुआवजा दिलवाने का मृतक के परिजनों को दिलवाने का आश्वासन दिया जिसके बाद आंदोलन को खत्म किया और रेलवे ट्रैक से सबको हटाया गया।
सांसद गुमान सिंह डामोर ने का कहना है कि मैं जल्द ही मध्यप्रदेश शासन से बात करता हूं और ओवरब्रिज को रुकी प्रतिक्रिया को शुरू करवाते हैं।
भाजपा मंडल अध्यक्ष संदीप मांडोत का कहना है कि जिले में जो खाद की किल्लत चल रही है यह चिंता का विषय है। आज की घटना में भी मृतक खाद के लिए ही दौड़-भाग कर रहा था। मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाए और प्रावधान अनुसार एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए।
मुख्य चौराहे की समस्याओं से भी अवगत कराया
बामनिया के नागरिकों ने अधिकारियों को मुख्य चौराहे की समस्याओं से भी अवगत कराया। जिसमें बताया आए दिन जाम लगने की समस्या, एमपीआरडीसी की ओर से एक पट्टी रोड छोड़ दिया गया है जिससे चौराहे पर पर्याप्त जगह ना होने से भी आए दिन दुर्घटना होती रहती है। अभी कुछ ही समय में चार बड़ी दुर्घटना हो चुकी है। मौके पर पहुंचे झाबुआ जिला कलेक्टर रजनीसिंह, एसपी अगम जैन सहित रेलवे विभाग से कई अधिकारी, जीआरपी, आरपीएफ, पुलिस बल मौके पर मौजूद रहे।