आईएएस संतोष वर्मा पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा
मकड़ाई एक्सप्रेस 24भोपाल। ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर कथित तौर पर अभद्र टिप्पणी करने वाले आईएएस अधिकारी और मध्य प्रदेश अजाक्स (AJJAKS) के अध्यक्ष संतोष वर्मा पर कार्रवाई का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
उपमुख्यमंत्री शुक्ल सहित प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से की मुलाकात
इसी क्रम में, रविवार को उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उनके भोपाल स्थित आवास पर मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीता शरण शर्मा, पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, रघुनंदन शर्मा और भोपाल के लोकसभा सदस्य आलोक शर्मा जैसे प्रमुख नेता शामिल थे। मुख्यमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल की लगभग 45 मिनट तक वार्ता हुई, जिसमें मुख्य रूप से आईएएस अधिकारी वर्मा के विवादित बयान और उन पर सख्त कार्रवाई की मांग पर चर्चा हुई।
विवाद और सरकार का रुख
आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान आरक्षण की अवधि को लेकर कथित तौर पर ब्राह्मण समाज की बेटियों के संबंध में एक विवादित टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी के सामने आने के बाद से ही पूरे राज्य में ब्राह्मण और अन्य सवर्ण संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है और वर्मा की बर्खास्तगी तथा गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
कारण बताओ नोटिस दिया है
विरोध को देखते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने पहले ही आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था, जिसमें उनके बयान को प्रथम दृष्टया “सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने और समाज में वैमनस्य पैदा करने वाला” माना गया था। सरकार ने अपने नोटिस में टिप्पणी को अखिल भारतीय सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन और “अनुशासनहीनता तथा गंभीर कदाचार” की श्रेणी का बताया था।
राजनीतिक दबाव और अगली कार्रवाई की संभावना
डिप्टी सीएम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात, यह दर्शाती है कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दबाव काफी बढ़ गया है। ब्राह्मण संगठनों के साथ-साथ भाजपा और कांग्रेस के कई नेता भी वर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।
बड़ी कार्यवाही की संभावना
सूत्रों के अनुसार, वर्मा को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया था, जिसकी अवधि जल्द ही समाप्त हो रही है। प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद, अब यह माना जा रहा है कि उनके जवाब के आधार पर राज्य सरकार जल्द ही उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है, जिसमें निलंबन जैसी बड़ी कार्रवाई भी शामिल हो सकती है।

