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Nasik News : RBI ने किया सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द, ग्राहको को लौटाए रुपये

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 नासिक। बैकिंग सिस्टम में बहुत ही जिम्मेदारी होती क्योंकि इसमें आमजन का रुपया जमा कराया जाता हैं । विगत कुछ वर्षो से सहकारी बैंको का उदय हुआ जो लोगो से डायरेक्ट रुपया अपनी स्कीम के तहत कराती है।जब उनके पास फंड की एबिलिटी नही हो पाती या किसी अन्य कारण से बैंक संचालन करने में परेशानी आती है या आरबीआई की गाइडलाइन का पालन करने में असमर्थ हो या कोई लीगल कारण से असमर्थता जताई जाती है। बैंक के लायसेंस के रदद होने की स्थिति में ग्राहको को उनके रुपये भी लौटाने होते है। आरबीआई ने नासिक जिला गिरना सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है।डीआईसीजीसी के तहत डिपॉजिट राशि क्लेम के तहत ग्राहकों को 16.27 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने नासिक जिला गिरना सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया हैं|

क्या कारण बताए जा रहे हैं..

मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय बैंक का निर्णय सहकारी बैंक की पर्याप्त पूंजी बनाए रखने और प्रॉफिटेबल ऑपरेशन बनाए रखने में असमर्थता के चलते लिया गया है लाइसेंस रद्द होने के परिणामस्वरूप सहकारी बैंक को अब तत्काल प्रभाव से डिपॉजिट की स्वीकृति और रिपेमेंट सहित किसी भी बैंकिंग एक्टिविटी में शामिल होने की अनुमति नहीं है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि नासिक जिला गिरना सहकारी बैंक पर्याप्त पूंजी के बिना काम कर रहा है और कमाई के मामले में निराशाजनक संभावनाओं का सामना कर रहा है। इसके अलावा यह 1949 के बैंकिंग विनियमन अधिनियम में उल्लिखित शर्तों का पालन करने में विफल रहा है।

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जमाकर्ताओ के हितो का ध्यान रखा जाना जरुरी है

आरबीआई ने यह भी बताया कि मौजूदा वित्तीय स्थिति को देखते हुए बैंक को अपना परिचालन जारी रखने की अनुमति देना उसके डिपॉजिटर्स के हितों के लिए हानिकारक होगाण् बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूरी रकम चुकाने में असमर्थ है। इसलिए बैंक के लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आरबीआई का निर्णय जनता के हित में उठाया गया कदम है क्योंकि अगर बैंक को अपनी बैंकिंग गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दी गई तो इसके प्रतिकूल परिणाम होंगे

आरबीआई ने महाराष्ट्र में सहकारी आयुक्त और रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने की कार्यवाही शुरू करने और एक लिक्विडेटर नियुक्त करने को कहा है, बैंक के लिक्वडेशन पर प्रत्येक जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी निगम से 5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा के साथ जमा बीमा राशि का दावा करने के लिए पात्र होगा।