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लापरवाही अनदेखी: इंदौर में नही है वायरस HMPV के जांच की सुविधा

बेखबर प्रशासन किसी भी सरकारी गैर सरकारी प्रयोगशाला में जांच किट उपलब्ध नहीं है ज्ञात हो कि कोरोनाकाल मे इंदौर से भयावह दृश्य सामने आए थे कोरोना का हॉट स्पाट रहा बावजूद इसके अभी तक सतर्कता नही

 

मकड़ाई एक्सप्रेस 24 इंदौर। देश मे नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस HMPV ने दस्तक दे दी है।इसके मरीज कई राज्यों में सामने आ रहे है। मप्र मे अभी कोई मरीज सामने नही आया है। मगर हमे ये नही भूलना चाहिए की कोरोना के समय इंदौर सबसे ज्यादा संवेदनशील रहा है।इसके बाद भी इंदौर में इस वायरस के जांच की कोई सुविधा नहीं है। पीरक्षण के लिए इंदौर में किसी भी शासकीय और निजी प्रयोगशाला में आवश्यक किट भी उपलब्ध नहीं है।

स्वाथ्य विभाग की घोर लापरवाही

वायरस को लेकर देश दुनिया अलर्ट मोड पर है लेकीन मप्र सरकार और प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग गहरी नींद मे सोया हुआ है।प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अभी सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। सरकार के आदेश की राह देख रहे है।

घबराने की जरुरत नही 

इस मामले मे चिकित्सको का कहना है कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है।इसके लिए जागरूक होकर सावधानियां बरतनी चाहिए।

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क्या है इसके लक्षण

इस वायरस के बारे मे बताया जा रहा है कि यह आमतौर पर सर्दी, खांसी और बुखार जैसे हल्के श्वसन लक्षणों का कारण बनता है। यह आम सर्दी के समान है, लेकिन यह कभी-कभी निमोनिया या अस्थमा जैसी अधिक गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है।अधिकांश लोग विशेष उपचार के बिना ही ठीक हो जाते हैं। बता दें कि वायरस की पुष्टि कोरोना की तरह आरटीपीसीआर से ही की जाएगी, लेकिन इसकी जांच के लिए अलग किट आती है।

क्या कहते है विशेषज्ञ

इस सम्बन्ध मे डॉ. विनीता कोठारी ने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने प्रयोगशालाओं को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। कोरोना की तरह वायरस की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर परीक्षण किए जाएंगे, लेकिन किट उपलब्ध नहीं हैं।हमने किट का आर्डर दे दिया है। इसके बाद इंदौर में ही परीक्षण हो जाएगा।

बुजुर्गो और बच्चों का रखे विशेष ध्यान।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरुण गुप्ता ने बताया कि एचएमपीवी मुख्य रूप से कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले शिशुओं को प्रभावित करता है। इसके कोई भी लक्षण दिखने पर विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए। घबराने की बात नहीं है, लेकिन रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती