उज्जैन मंडी में सोयाबीन बिका ₹7411 के भाव, जाने क्या है दिवाली के बाद के नए भाव Ujjain Mandi Rate
Ujjain Mandi Rate: उज्जैन मंडी में दीपावली की छुट्टियों के बाद फिर से खरीदी-बिक्री की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जैसे ही मंडी में व्यापारियों और किसानों ने शुभ मुहूर्त में अपनी उपज का सौदा किया, सोयाबीन के साथ-साथ अन्य अनाजों की कीमतों में भी हलचल दिखी। आज, उज्जैन मंडी में सोयाबीन का भाव 7,411 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचा, जोकि पिछले मुहूर्त सौदे से कम है, लेकिन इसके बावजूद किसानों में संतोष का माहौल देखा गया।
शुभ मुहूर्त और मंडी की रौनक
आज सुबह 9:15 बजे मंडी में शुभ मुहूर्त पर सौदे की शुरुआत हुई। इस मौके पर सभी व्यापारी और किसान एक साथ जमा हुए। मंडी परिसर में स्थित गणेश मंदिर में पहले आरती का आयोजन किया गया, जिसके बाद मिलन समारोह में सभी ने भाग लिया। इस समारोह में व्यापारी और किसान मिलकर अपने अनाजों का सौदा करते हैं और नई उम्मीदों के साथ व्यापार का आगाज़ करते हैं।
सोयाबीन का भाव और अन्य अनाज
इस बार उज्जैन मंडी में सोयाबीन का भाव 7,411 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंचा। पिछले साल के मुकाबले यह भाव कम है, लेकिन दीपावली के पहले इसमें 200 रुपए की वृद्धि भी देखी गई। सोयाबीन के साथ-साथ अन्य अनाजों जैसे चना डॉलर, ज्वार, मक्का, और गेहूं के भी मुहूर्त सौदे किए गए।
- चना डॉलर: चना डॉलर का भाव 20,051 रुपए प्रति क्विंटल रहा, जो इस बार का सबसे ऊंचा भाव था। इसे स्थानीय व्यापारी फर्म ने खरीदा।
- ज्वार: ज्वार का भाव 10,100 रुपए प्रति क्विंटल रहा, जिसे एक प्रमुख व्यापारी फर्म ने खरीदा।
- मक्का: मक्का का भाव 5,313 रुपए प्रति क्विंटल रहा।
- गेहूं: गेहूं का भाव 5,151 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा।
लॉटरी सिस्टम से किसानों को मौका
मंडी में इस बार एक खास लॉटरी सिस्टम का आयोजन किया गया, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने का मौका मिला। मंडी प्रशासन ने किसानों की उपज की पर्चियों को एक लॉटरी सिस्टम के जरिए निकाला और इस प्रकार भाग्यशाली किसानों को इस मुहूर्त के दौरान अपनी फसल बेचने का अवसर दिया गया।
क्यों बढ़े सोयाबीन के भाव?
दीपावली से पहले सोयाबीन के भाव में 200 रुपए प्रति क्विंटल का उछाल देखा गया। इसकी मुख्य वजह यह है कि सरकार ने 25 अक्टूबर से सोयाबीन की सरकारी खरीदी की घोषणा की है। इससे पहले ही भाव में वृद्धि शुरू हो गई थी क्योंकि किसान और व्यापारी इस मौके का फायदा उठाने के लिए तैयार थे। सरकारी खरीदी की वजह से बाजार में मांग बढ़ी और इसी के चलते कीमतों में भी इज़ाफा हुआ।
उज्जैन मंडी में सौदों की विशेषताएं
- उज्जैन मंडी में हर साल दीपावली के बाद मुहूर्त के दिन विशेष तौर पर सौदों का आयोजन होता है।
- मंडी में स्थानीय व्यापारियों और किसानों के बीच एक जुड़ाव का एहसास होता है क्योंकि सभी लोग एक साथ व्यापार के इस शुभ अवसर को मनाते हैं।
- इस दौरान, किसी विशेष फसल के भाव में यदि स्थिरता होती है या वृद्धि देखी जाती है, तो इससे उस फसल की मांग और बिक्री पर सीधा असर पड़ता है।
किसानों के लिए क्या महत्वपूर्ण है?
किसान इस मुहूर्त के दिन पर खास ध्यान देते हैं क्योंकि यह उनके लिए नई शुरुआत का प्रतीक होता है। सोयाबीन के अलावा अन्य फसलों के भाव पर भी मंडी में चर्चा होती है और इससे आने वाले समय में फसलों की मांग का अंदाजा लगाया जा सकता है। मंडी में किसानों की उपज की सही कीमत मिल सके और वे अपनी उपज का विक्रय लाभकारी दामों पर कर सकें, यही मंडी का उद्देश्य है।
इस बार उज्जैन मंडी में दीपावली के बाद का मुहूर्त सौदा काफी सफल रहा। सोयाबीन से लेकर अन्य अनाजों के भाव ने किसानों और व्यापारियों के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान किया। लॉटरी सिस्टम से किसानों को अपनी उपज बेचने का मौका मिला और मंडी परिसर में रौनक बनी रही।
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