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खुशियों की दास्तां :स्वसहायता समूह से जुड़ी दुर्गाबाई, पहले सिलाई का काम फिर आय बढ़ी तो किराना दुकान भी कर दी शुरू! अब परिवार में है खुशहाली

हरदा / जिले के टिमरनी विकासखंड के ग्राम छिदगांव तमोली निवासी दुर्गाबाई आम गृहणी की तरह जीवन यापन कर रही थी। दुर्गाबाई के पति द्वारका प्रसाद द्वारा कृषि कार्य से प्राप्त आय से जैसे तैसे घर परिवार की जरूरतों की पूर्ती हो जाती थी, किन्तु पर्याप्त आय न होने से परिवार का जीवन स्तर बहुत अच्छा नहीं था और दुर्गाबाई अपने परिवार के बेहतर भविष्य के लिए कुछ भी बचा नहीं पा रही थी।

दुर्गा बाई बताती है कि गांव की महिलाओं से उसने स्व सहायता समूह के बारे में सुना था, एक दिन वह भी ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित “जीवन आजीविका स्व सहायता समूह” से जुड़ गई। समूह की सदस्यता लेने के बाद उसे पहले ऋण राशि 2 हजार रूपये, और फिर 15 हजार रूपये की सहायता मिली जिसे उसने सिलाई का व्यवसाय प्रारंभ कर दिया। सिलाई का व्यवसाय शुरू होने से परिवार में अतिरिक्त आय होने लगी, जिससे घर की आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने लगा।

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दुर्गाबाई बताती है कि जैसे-जैसे आय बढ़ी, तो उसने अपनी बढ़ी हुई आय से किराना दुकान का व्यवसाय भी शुरू कर दिया। इससे उसकी आय में और अधिक वृद्धि होने लगी। आज दुर्गाबाई बहुत अच्छी तरह अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है, और अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला रही है। अब दुर्गाबाई और उसके परिवार के सभी सदस्य बहुत खुश हैं।

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