ब्रेकिंग
हरदा: हंडिया व रहटगांव के रोजगार मेलों में 46 युवा चयनित हुए हरदा: खनिज विभाग ने रेत के अवैध परिवहन करते एक ट्रेक्टर किया जप्त कलेक्टर श्री सिंह बोले वनग्रामों में कैम्प लगाकर ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलायेंगे ! वनग्... अपूर्ण पेयजल योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करें, पूर्ण पेयजल योजनाओं को पंचायतों को सौंपें कलेक्टर श्री सिं... Kheti kisani: खिरकिया : महिला किसान दिवस महिला कृषकों ने खेती में अपने- अपने अनुभव साझा किये शरदसुपरमून सबसे चमकीला और सबसे बड़ा दिखेगा आज (17 अक्‍टूबर ) शाम – सारिका हंडिया: ग्राम हंडिया के वार्ड क्रमांक 8 में 8 दिनों से पेयजल व्यवस्था ठप्प, परेशान होकर महिलाएं पहुं... अगर बनना है करोड़पति तो इन मूर्तियो को घर मे करे स्थापित, किन 7 मूर्तियां घर मे होती माँ लक्ष्मी की क... Ladli Behna Yojana: दीपावली का त्यौहार सामने है लाड़ली बहनो की उम्मीद बड़ी क्या इस दिवाली पर मिलेगे ... Shadi Loan Yojana: शादी के लिए सरकार देगी 40 लाख रुपए का लोन, ऐसे करे आवेदन

हम धर्म निरपेक्ष देश में है.. मंदिर हो या दरगाह कोई बाधा नहीं डाल सकता:  बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा

मकड़ाई एक्सप्रेस दिल्ली। अवैध निर्माण पर चल रहे बुलडोजर एक्शन के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई है।

कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है और सड़क जल निकायों या रेल पटरियों पर अतिक्रमण करने वाले किसी भी धार्मिक ढांचे को हटाया जाना चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और बुलडोजर कार्रवाई और अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए उसके निर्देश सभी पर लागू होंगे।

यूपी समेत तमाम राज्यों में बुलडोजर एक्शन के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। मां सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ कहा कि बुलडोजर एक्शन पर रोक का उसका अंतरिम आदेश तक पूरे देश में जारी रहेगा।

बुलडोजर कार्यवाही के निर्देश सभी पर लागू

कोर्ट ने ये भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और बुलडोजर कार्रवाई और अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए उसके निर्देश सभी नागरिकों के लिए होंगे, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

 

अवैध संरचना को ध्वस्त के लिए बुलडोजर न्याय

- Install Android App -

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ अपराध के आरोपी लोगों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कई राज्यों में प्रचलित इस प्रवृत्ति को अक्सर ‘बुलडोजर न्याय’ कहा जाता है। राज्य के अधिकारियों ने अतीत में कहा है कि ऐसे मामलों में केवल अवैध संरचनाओं को ही ध्वस्त किया जाता है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश की ओर से पेश हुए।

नोटिस हेतु आनलाईन पोर्टल होना चाहिए

कोर्ट ने कहा अधिकांश नगरपालिका कानूनों में नोटिस जारी करने का प्रावधान है।

इस पर पीठ ने कहा कि नगर निगमों और पंचायतों के लिए अलग-अलग कानून हैं। “एक ऑनलाइन पोर्टल भी होना चाहिए ताकि लोग जागरूक हों, एक बार जब आप इसे डिजिटल कर देंगे तो रिकॉर्ड होगा।”

अवैध निर्माण के लिए एक कानून

सॉलिसिटर जनरल ने तब कहा कि उन्हें चिंता है कि अदालत कुछ उदाहरणों के आधार पर निर्देश जारी कर रही है जिसमें आरोप लगाया गया है कि एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।न्यायमूर्ति गवई ने कहा, “अनधिकृत निर्माण के लिए एक कानून होना चाहिए, यह धर्म या आस्था या विश्वास पर निर्भर नहीं है।”