एमपी: सरकारी नौकरियों में महिलाओं को अब मिलेगा 35% आरक्षण, मेडिकल कॉलेजों में आयु सीमा बढ़ी
मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसमें महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण को बढ़ाकर 35% कर दिया गया है। यह फैसला महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है और इससे महिलाओं को सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर मिलेंगे। इससे पहले राज्य में महिलाओं को 30% आरक्षण मिलता था, जिसे बाद में 33% किया गया और अब इसे बढ़ाकर 35% कर दिया गया है। इस नए आरक्षण नियम से महिलाओं की सरकारी सेवा में भागीदारी बढ़ेगी और उनके रोजगार के अवसर अधिक सशक्त होंगे।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
राज्य के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने इस घोषणा की पुष्टि करते हुए बताया कि राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 35% आरक्षण का यह कदम इसी दिशा में एक प्रभावी प्रयास है। इसके माध्यम से महिलाओं को सरकारी नौकरियों में समानता के साथ अधिक भागीदारी का मौका मिलेगा, जो महिला सशक्तिकरण में अहम योगदान देगा।
मेडिकल कॉलेजों में भर्ती की आयु सीमा में बढ़ोतरी
इसके साथ ही राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा में बढ़ोतरी की है। पहले इस पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष थी, जिसे अब बढ़ाकर 50 वर्ष कर दिया गया है। राज्य में नए-नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, जिनमें योग्य शिक्षकों की आवश्यकता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस बदलाव से अधिक उम्र के योग्य उम्मीदवारों को भी मौका मिलेगा और मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। यह कदम प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।
एमपी पैरामेडिकल काउंसिल के नियमों का पालन
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने जानकारी दी कि अभी राज्य में पैरामेडिकल काउंसिल के नियम लागू रहेंगे। केंद्र सरकार की ओर से नए नियम लागू होने तक राज्य सरकार के नियम ही प्रभावी होंगे, जिससे एडमिशन और परीक्षाओं की प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं आएगी। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि पैरामेडिकल क्षेत्र में गुणवत्ता और सुविधाएं बनी रहें और छात्रों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
किसानों की सुविधा के लिए उर्वरक केंद्रों की स्थापना
राज्य की कैबिनेट बैठक में किसानों की सुविधा के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। बैठक में यह तय किया गया है कि प्रदेश में 254 नए उर्वरक केंद्र खोले जाएंगे। इन केंद्रों से उर्वरक वितरण में आसानी होगी और खासकर डिफॉल्टर किसानों को राहत मिलेगी। इन फैसलों का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराना और उन्हें कृषि कार्यों में सहयोग देना है। यह कदम राज्य में कृषि को मजबूती प्रदान करने और किसानों की सहायता के लिए उठाया गया है।
महिलाओं और किसानों के लिए सकारात्मक पहल
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय महिलाओं और किसानों के हित में एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है। महिलाओं को सरकारी नौकरी में अधिक आरक्षण देने से उनके सशक्तिकरण की दिशा में एक नई राह खुलेगी, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगी। इसी तरह, मेडिकल कॉलेजों में उम्र सीमा बढ़ाने और उर्वरक केंद्रों की स्थापना से भी समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ मिलेगा।
इन सभी फैसलों का उद्देश्य प्रदेश के लोगों की जरूरतों को समझते हुए उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान करना है, ताकि प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत हो सके।
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