ब्रेकिंग
हरदा: 11 से 26 दिसंबर तक ‘मुख्यमंत्री जन कल्याण पर्व’ मनाया जाएगा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो का... आष्टा - कन्नौद मार्ग के सिया घाट पर हरदा जिले के दंपति के साथ लूटपाट! टवेरा वाहन हुआ पंचर । तभी आए अ... गीता जयंती महोत्सव कार्यक्रम के लिये अधिकारियों को दायित्व सौंपे! कृष्ण मंदिरों की साफ-सफाई, श्रृंगा... हरदा को मिली चलित अस्पताल की सुविधा, सेवा भारती से मिलेंगे मरीजों को उपकरण निशुल्क: सराहनीय कार्य: सर्व ब्राह्मण समाज संगठन द्वारा कनारदा में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में 123 मरीजों ने ... हरदा : भाजपा मंडल विस्तार के साथ भाजपा बढ़ाएगी मंडलों की संख्या अब हरदा जिले में 8 की जगह होंगे 12 म... हरदा वैश्य समाज के जिला अध्यक्ष नियुक्त हुए - दीपक नेमा Ladki Bahin Yojana: इन महिलाओं को किया जाएगा योजना से बाहर, नए मुख्य मंत्री के किया ऐलान, देखे पूरी ... नए साल में किसानों को मिलेगा 5000 रुपए का तोहफा, जानिए पूरी जानकारी PM Kisan Yojana हर महीने मिलेंगे ₹3000: मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना में जल्दी करे आवेदन

आज शुक्रवार 5 मई 2023, बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों का संयोग है

आज शुक्रवार 5 मई 2023 हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आज वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि बुद्ध जयंती c। साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण आज  रात 8.44 मिनट से शुरू होकर 6 मई की आधी रात 1.01 मिनट तक चलेगा। यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने वाले इस चंद्र ग्रहण पर 130 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग बनेगा, दरअसल 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों का संयोग बन रहा है|

खगोल विज्ञानियों के अनुसार साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत,अटलांटिक,अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा। जहां तक भारत में इस चंद्र ग्रहण के दिखाई देने का मामला है तो ज्यादातर खगोल शास्त्र के जानकारों और हिंदू पंचांग की गणनाओं के आधार पर यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं  दिखाई देगा। लेकिन भारत के कुछ हिस्सों में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकता है। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा साल का पहला चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। खगोल विज्ञान के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो तब ये तीनों एक सीधी लाइन में कुछ देर के लिए आ जाते हैं। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। जब पृथ्वी की परछाई सीधी चंद्रमा पर न पड़े तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं|

- Install Android App -

भारत में सूतक काल मान्य हो कि नहीं 

धार्मिक नजरिए से जब भी उपच्छाया चंद्रग्रहण लगता है तो इसको ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के होने पर ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ काम और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है। सूतक की समाप्ति के बाद ही सभी तरह के धार्मिक कार्य दोबारा से शुरू होते हैं।