धर्नुुमास में थमेंगे मांगलिक कार्य ,, 15 जनवरी से होगे पुनःप्रारंभ,विवाह योग्य युवक – युवती को करना होगा 1 माह इंतजार
मकड़ाई समाचार हरदा। हमारी सनातन संस्कृति में प्रकृति को जोडकर जीवन के क्रियाकलापों को रखा गया हैं हर परंपरा त्यौहार में प्रकृृति और मानव जीवन को एकाकार करने का प्रयास ऋषि परंपरा में रहा है। पौष के माह में विवाह नही होते है।इसे धर्नुमास भी कहा जाता है।क्योकि इसी दौरान सूर्य का धनु राशि में प्रवेश होता है।यह बहुत ही पावन माह माना जाता है इस दौरान आराधना तीर्थ यात्रा की जाती है। व्यंकटेश मंदिर में धर्नुमास कोे उत्सव के रुप में मनाया जाता है। सूर्य का धनुु राशि मे प्रवेश 15 दिसंबर सुबह 4बजकर38 मिनट पर होगा।इसके साथ ही धर्नुमास की शुुरुआत हो जायेगीं ।मांगलिक कार्यो पर विराम लग जायेगा। पुन: वैवाहिक आयोजनों की शुरुआत सूर्यदेव के उत्तरायण होने के बाद मकर राशि में प्रवेश के बाद होंगे। दिसंबर में अब 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को दो शुद्ध मुहूर्त शेष बचे हैं। इसके बाद जनवरी में 25, 26, 30 और फरवरी में 9,10,15,16 व 22 को शादियां होगी। मार्च में 8 व 9 को दो दिन मुहूर्त है। इस वर्ष के अंतिम वैवाहिक मुहूर्त की शुरुआत शुक्र के तारे के उदय बाद 26 नवंबर से हुआ था। नवंबर-दिसंबर में विवाह के आठ मुहूर्त थे जिनमें से दो शेष बचे हैं।