मध्यप्रदेश में दर्दनाक हादसा, दीवार गिरने से बुझ गए कई घरों के चिराग, मच गई पूरे गांव में चीख फ़ुकार : हादसे पर मुख्यमंत्री यादव ने जताया शोक,
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 सागर। जिले के शाहपुर के हरदौल मंदिर परिसर में एक दर्दनाक हादसा हो गया। मंदिर में बच्चे भी पार्थिव शिवलिंग बना रहे थे तभी मंदिर के बाजू में जर्जर भवन की दीवार गिरी जिसमे 9 बच्चो की मौत हो गई।
घटना विस्तार से
जिले के शाहपुर में रविवार को सुबह हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र में गम में डुबा दिया। हरदौल मंदिर में शिवलिंग निर्माण एवं भागवत कथा का आयोजन चल रहा है। सावन के महीने में यहां सुबह से शिवलिंग बनाए जा रहे हैं। रविवार को भी शिवलिंग बनाने का काम शुरू हुआ।रविवार को अवकाश का दिन होने की वजह से शिवलिंग बनाने के लिए बच्चे भी बड़ी संख्या में पहुंचे। वे सुबह जब शिवलिंग बना रहे थे, तभी मंदिर परिसर के बाजू वाली करीब पचास साल पुरानी एक कच्ची दीवार भराभराकर गिर गई।दीवार शिवलिंग बना रहे बच्चों के ऊपर सीधी गिरी, जिससे नौ बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में 08 से 15 साल के बच्चे शामिल हैं। इस घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। तत्काल ही दीवार के मलबे को हटाने का कार्य शुरू हुआ तो इसके नीचे और दबे बच्चों को निकाला गया। नगर परिषद, पुलिस व नगरवासी राहत कार्य में लगे हुए हैं। सूचना मिलने पर रहली विधायक एवं पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी मौके पर पहुंचे।
इन बच्चों की हुई मौत
ध्रुव पिता जगदीश यादव उम्र 12 , नितेश पिता कमलेश पटेल, आशुतोष पिता मानसिंह प्रजापति उम्र 15 वर्ष ,प्रिंस पिता अशोक साहू 12 वर्ष, पूर्व पिता फूल कुमार विश्वकर्मा 10 वर्ष, दिव्यांश पिता निलेश साहू 10 वर्ष, देवराय पिता गोविंद साहू 8 वर्ष, वंश पिता यशवंत लोधी 10 वर्ष, हेमंत पिता भूरा जोशी 10 साल है।
हादसे पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक
घटना को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शोक व्यक्त करते हुए मृतक बच्चों के स्वजन को 04-04 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से फोन पर बात कर घटना का ब्यौरा लिया और घायल बच्चों को उचित इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए।
पुराना जर्जर भवन बारिश नही सह पाया
जानकारी के मुताबिक मंदिर परिसर के बाजू में पचास साल पुरानी यह दीवार जर्जर हो चुकी थी। इसके बाद भी इसे गिराया नहीं गया। सागर में इन दिनों भारी वर्षा हो रही है। 24 घंटे के अंदर ही यहां 104 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। ऐसे में कच्चे व जर्जर मकानों को खतरा बना हुआ है। मंदिर के पास स्थित भी मिट्टी की दीवार लगातार वर्षा में गिर गई, जिससे यह हादसा हो गया।