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अब गांव में पानी की बरबादी पर 100 रुपये जुर्माना लगेगा

भोपाल। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार अब नया नियम लागू करने जा रही है। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने ग्रामीण जल प्रदाय योजना क्रियान्वयन एवं प्रबंधन नियम बनाकर तैयार कर लिए हैं। सोमवार तक इसको लेकर आपत्ति या सुझाव मांगे गए हैं। यदि कोई आपत्ति या सुझाव आते हैं तो उनका निराकरण करके इन्हें लागू कर दिया जाएगा। इसमें पानी का अपव्यय रोकने के लिए प्रत्येक बार 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। तीन माह तक लगातार बिल नहीं चुकाने पर कनेक्शन काट दिया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नए नियमों का मसौदा राजपत्र में प्रकाशित कर दिया है।

इसके मुताबिक जल एवं स्वच्छता तदर्थ समिति पेयजल प्रदाय करने को लेकर ग्राम स्तरीय कार्ययोजना बनाएगी। घरेलूू, संस्थागत, शासकीय संस्था, व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शन के आधार पर जलदर तय होगी। घरेलू कनेक्शन देने से पहले समिति परिवार के साथ लिखित में अनुबंध करेगी। इसके लिए सुरक्षा निधि भी ली जाएगी। उपभोक्ता यदि लगातार तीन माह बिल नहीं चुकाता है तो कनेक्शन काटा जा सकेगा। जल के अपव्यय को रोकने के लिए सख्ती की जाएगी।

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अपव्यय प्रमाणित होने पर हर बार न्यूनतम 100 रुपये प्रत्येक बार जुर्माना लगाया जाएगा। जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए यह प्रावधान भी रखा गया है कि योजना की कुल लागत का पांच से दस प्रतिशत हिस्सा जन सहयोग से जुटाया जाएगा। इसमें अति गरीब, विधवा और दिव्यांगजनों को छूट रहेगी। समिति में 10 से 15 सदस्य होंगे। इसमें 50 फीसद महिला और 25 फीसद पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों होंगे। बाकी सदस्य उपभोक्ता रहेंगे।

समिति का अध्यक्ष सरपंच, पंच या प्रशासकीय समिति का प्रधान होगा। कार्यकाल चार साल रहेगा। बल्क वॉटर मीटर के माध्यम से मिलेगा पानी योजना में यह प्रावधान किया गया है कि गांवों की सीमा तक पेयजल पहुंचाने का काम मध्य प्रदेश जल निगम या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग करेगा। प्रति हजार लीटर के हिसाब से समिति से जल प्रभार लिया जाएगा।

यदि माह में 20 दिन से कम आपूर्ति होती है तो उपभोक्ताओं से मासिक शुल्क नहीं लिया जाएगा। हर माह 10 तारीख को बिल देना होगा और समिति निगम या विभाग को 20 तारीख तक जल प्रभार का भुगतान करेगी। न्यूनतम 60 रुपये महीना आएगा बिल नए नियमों के मुताबिक घरेलू उपभोक्ता से न्यूनतम 60 रुपये महीना बिल लिया जाएगा। प्रति शासकीय संस्थागत कनेक्शन पर 200, प्रति निजी संस्थागत कनेक्शन पर 300, प्रति व्यावसायिक कनेक्शन पर 500, औद्योगिक कनेक्शन पर 1000 रुपये प्रतिमाह बिल लिया जाएगा।