मकड़ाई समाचार भोपाल/इटारसी। अब लोकतंत्र में जनता ही लाट साहब है। अब जंगल में साहबगीरी नहीं होगी। जंगल मे रेंजर अब डेंजर हो गए हैं, लेकिन अब इनसे आदिवासी मजदूरों को डरने की जरूरत नहीं है। पेसा एक्ट जल-जंगल-जमीन से जुड़े अधिकार वापस दिलाने के लिए लागू कर रहा हूं। अब ग्राम सभा अपने विकास का बजट तय करेगी। अब सीएम या विधायकों के हाथ जोड़ने की जरूरत नहीं है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को केसला में आयोजित पेसा जागरूकता कार्यक्रम में कही।
सीएम ने कहा कि मप्र में धर्मांतरण सहन नहीं करेंगे। आदिवासी बेटियों से विवाह कर उनकी जमीन हथियाने का षड्यंत्र मंजूर नहीं है, यदि आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्जा हुआ तो सभा इसे वापस ले सकेगी। बिना सहमति के पट्टा नीलाम नहीं होगा। गांव की खदानों पर भी आदिवासी समिति या हमारी बहन का पहला अधिकार होगा। गांव के तालाबों पर मछली-सिंगाड़ा पालन सभा करेगी। कोई कलेक्टर, कमिश्नर तय नही करेगा। गांव का रुपया अब गांव में ही रहेगा।