मकड़ाई समाचार भिंड। मिहोना के खितौली गांव में प्रसूता को प्रसव पीड़ा हुई तो चाचा बाइक से उसे मिहोना अस्पताल लेकर आए, लेकिन अस्पताल बंद मिला। निजी चिकित्सक के यहां जाते में सड़क पर ही बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के बाद चाचा मदद के लिए मिहोना थाने गए। टीआइ संजय सोनी ने डायल 100 वाहन से प्रसूता और नवजात को इलाज के लिए रौन अस्पताल भिजवाया। मिहोना से रौन अस्पताल पहुंचने पर नवजात की मौत हो गई। अधिक रक्तस्राव होने से प्रसूता की तबीयत बिगड़ गई। रात में ही उन्हें रौन से जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड में भर्ती कराया गया है। सीएमएचओ डा. अजीत मिश्रा ने इस लापरवाही के लिए मिहोना बीएमओ डा. अंकित चौधरी को नोटिस दिया है। 23 वर्षीय अर्चना पत्नी मुकेश परिहार निवासी सेंथरी बुधवार को मायके मिहोना के ग्राम खितौली में थीं। बुधवार रात में 10ः30 बजे अर्चना को अचानक से प्रसव पीड़ा होने लगी। घर के लोगों ने एंबुलेंस के लिए संपर्क किया, लेकिन समय पर एंबुलेंस मिलना मुश्किल थी। ऐसे में चाचा कैलाश नारायण परिहार बाइक से अर्चना को मिहोना अस्पताल लेकर आए। अस्पताल बंद था। कोई बताने वाला भी नहीं था कि डाक्टर कहां मिलेंगे।
कैलाश नारायण का कहना है ऐसे में वे अर्चना को लेकर नगर में निजी चिकित्सक के पास गए, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही सड़क पर प्रसव हो गया। जन्म के बाद नवजात बच्ची और अर्चना को संभालना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में मदद के लिए मिहोना थाने पहुंचे। थाने में हवलदार ने टीआइ संजय सोनी को बताया। टीआइ ने फोन पर ही तत्काल डायल 100 वाहन को बुलाकर प्रसूता और नवजात को बेहतर इलाज के लिए रौन अस्पताल भिजवाया। रौन पहुंचने के दौरान नवजात की मौत हो गई। अर्चना की तबीयत भी बिगड़ गई थी। रौन में प्राइमरी इलाज के बाद प्रसूता को इलाज के लिए जिला अस्पताल के मैटरनिटी वार्ड के लिए रेफर किया गया। यहां अर्चना का इलाज किया जा रहा है।
पुलिस मदद नहीं करती तो जान बचना मुश्किल थी
प्रसूता के चाचा कैलाश नारायण परिहार का कहना है बुधवार रात में यदि पुलिस मदद नहीं करती तो अर्चना की जान बचना मुश्किल लग रही थी। श्री परिहार का कहना है थाने से तत्काल मदद मिली। इससे वे समय से रौन अस्पताल पहुंच गए। रौन में डाक्टर और स्टाफ बच्ची को तो नहीं बचा पाए, लेकिन अर्चना को इलाज मिल गया। इससे उसकी जान बच गई। अब जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में अर्चना भर्ती हैं। श्री परिहार का कहना है यहां अर्चना को खून भी चढ़ाया गया है। तबीयत में पहले से सुधार है।