नई दिल्ली. कोरोनावायरस के कारण देश में आर्थिक मंदी के हालात बन गए हैं। कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को सैलरी भी नहीं दे पा रहीं हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि क्या अगर सैलरी टल गई है तो भी क्या उनकी टैक्स देनदारी बनेगी? तो इस बारे में सीए अभय शर्मा (पूर्व अध्यक्ष इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट) बताते हैं कि कंपनी अगर कर्मचारी की सैलरी या वेंडर के पेमेंट को मसलन छह महीने के लिए टाल देती है तो मौजूदा कानूनों के अनुसार ऐसी सैलरी और पेमेंट पर टैक्स लागू होगा। मतलब आपको टैक्स देना होगा।
अभय शर्मा बताते है कि कोरोनावायरस के कारण वेतन या अन्य भुगतान के टाले जाने पर टैक्स की देनदारी नहीं टाली जा सकती। आयकर अधिनियम के अनुसार जैसे ही वेतन देय हुआ, टैक्स देय हो जाता है भले ही भुगतान हुआ हो या नहीं। आयकर अधिनियम की धारा 192 के तहत अकाउंट बुक में जैसे ही एम्पलाई के खाते में सेलरी देय हुई वैसे ही टैक्स का केलकुलेशन कर एंप्लॉयर को टीडीएस काटना होता है। लिहाजा, सैलरी या पेमेंट मिलता है या नहीं, उस पर टैक्स देनदारी बनी रहेगी।
अगर मार्च 2021 तक पैसा न दिया जाए तथा एंप्लॉयर ने टीडीएस काट लिया तो ऐसे काटे गए टैक्स का क्या होगा?
अगर टाले गए पेमेंट को कभी नहीं दिया जाता है या उसे 2021 के आगे बढ़ाया जाता है तो इसे प्राप्त करने वाले को उस पैसे पर चालू वित्त वर्ष में टैक्स देना होगा जो उसके हाथ में आया ही नहीं है। एंप्लॉयर के द्वारा काटे गए टीडीएस का क्रेडिट एम्पलाई को रिटर्न दाखिल करते समय मिल जाएगा।