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इन देशो में भी मनाई जाती है दीवाली, हैरतअंदाज होते हैं तरीके

लंदनः दीपावली का त्यौहार केवल हिंदू या हिंदुस्तान तक ही सीमित नहीं है बल्कि अब दुनिया के कई हिस्सों में यह पर् धूमधाम व हैरतअंदाज तरीके से मनाया जाता है।  श्रीलंका, म्यामांर, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिजी, मॉरीशस, केन्या, तंजानिया, दक्षिण अफ्रीका, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो, नीदरलैंड्स, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका में दीपावली धूमधाम से मनाई जाती है।  कई देशों में दिवाली की तरह ही फायर फेस्टिवल मनाया जाता है जो कि अलग-अलग नाम से मशहूर हैं, इन्हें मनाने के पीछे मान्यताएं भी अलग-अलग हैं।
भारत के बाहर दिवाली का सबसे बड़ा सेलिब्रेशन अगर कहीं होता है तो वह है ब्रिटेन के जंगलों से घिरे खूबसूरत शहर लेस्टर में। वहां रहने वाला हिंदू , जैन और सिख समुदाय तो दिवाली धूमधाम से मनाता ही है, साथ में दूसरे धर्म के लोग भी इसे व्यापक रूप से मनाते हैं। यहां दिवाली के दिन लोग पार्कों में और स्ट्रीट पर समूह में एकत्र होकर पटाखे छोड़ते हैं। इसके अलावा वहां लोग इस दौरान मिठाई भी अपने रिश्तेदारों में बांटते हैं

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जापान में दीवाली की ही तरह ओनियो फेयर फेस्टिवल खूब धूम-धाम से मनाया जाता है। बता दें कि जनवरी में आने वाला ओनियो फेस्टिवल जापान का सबसे पुराना फेस्टिवल है। यहां फुकुओका में दिवाली जैसा प्रकाशमयी त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान छह मशाल जलाई जाती हैं जो कि आपदा को खत्म करने के प्रतीक के रूप में होती है। इसमें आग की बत्ती को मंदिर से निकाल कर दूसरे जगह तक ले जाया जाता है। जापानी खास तरह के सफेद कपड़े पहनकर टॉर्च को घुमाते हैं। आग से हैरतअंगेज करतब दिखाना इस फेस्टिवल को शुभ बनाता हैफ्लोरिडा के अल्टूना शहर में हर साल 31 अक्तूबर से 1 नवंबर मनने वाला ‘सैमहेन’ फेस्टिवल बहुत शानदार होता है। भूतों के सम्मान में आयोजित इस त्योहार के दौरान बोन फायर जलाई जाती है। मनोरंजन और अलग-अलग थीम्स पर आयोजित होने के कारण बाहरी लोग भी यहां पहुंचकर हैरतअंगेज कारनामों का जमकर लुत्फ उठाते हैं। थाइलैंड में दिवाली को लाम क्रियोंघ के नाम से मनाया जाता है। केले की पत्तियों से बने दीपक और धूप को रात में जलाया जाता है। उसके साथ पैसा भी रखा जाता है। जलते हुए इस दीप को नदी के पानी में बहा देते हैं।
नेपाल में दीवाली की तरह ही तिहार फेस्टिवल मनाया जाता है, जिसमें कुत्तों की पूजा की जाती है। हिंदू समुदाय के लोग पांच दिन के इस फेस्टिवल में एक दिन जानवरों की पूजा करते हैं। इसमें खास तौर पर कुत्ते की पूजा होती है। बहुत से लोग इस मौके पर कौवे और गाय की भी पूजा करते हैं। नेपाली हिंदुओं का यह फेस्टिवल धरती पर रह रहे सभी प्राणियों के परस्पर संबंधों को याद करने का एक तरीका है। ऐसे भी, सभ्यता के प्रारंभ से इंसान और जानवरों के बीच की दोस्ती को सबसे खास माना गया है।
सिंगापुर में दिवाली फेस्टिवल के लिए स्पेशल बसों पर रंगोली के ट्रेडिशनल डिजाइन बनाए जाते हैं जो देखने में बहुत खूबसूरत होते हैं। सिंगापुर की दिवाली की तस्वीरें देख ऐसा लगता है मानों एक बार ही सही इस देश के दिवाली सेलिब्रेशन का हिस्सा बना जाएं।