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कई गांव चिकनपाक्स की चपेट में हैं,पीड़ितों के शरीर में बड़ी संख्या में फोड़े-फुंसी के लक्षण

 मकड़़ाई समाचार छत्‍तीसगढ़| धमतरी जिले के कई गांव पखवाड़े भर से चिकनपाक्स की चपेट में हैं। इस बीमारी से वहां बच्चे-बूढ़े समेत सभी वर्ग के लोग प्रभावित हैं। ग्राम पंचायत बोड़रा, संबलपुर, सांकरा और भानपुरी में इन दिनों चिकनपाक्स का प्रकोप फैला हुआ है। चिकन पाक्स बढ़ने की वजह से बोड़रा व अन्य गांवों में इस बार होली भी नहीं मनाई गई। संक्रमण लगातार फैल रहा है। ग्रामीण इसे दैवीय प्रकोप मानकर उपचार के लिए पूजा-अर्चना का सहारा ले रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग प्रभावितों पर नजर रख रहा है। वहां बीमारी को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।
चिकनपाक्स की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने ग्राम बोड़रा में गांव में सर्वे किया तो वहां नौ लोग इससे पीड़ित मिले। वहीं सांकरा व भानपुरी में भी इसके मरीज है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पीड़ित ग्रामीणों तक पहुंचकर दवाई का वितरण किया। साथ ही कुछ सुझाव भी दिया। पीड़ितों के शरीर में बड़ी संख्या में फोड़े-फुंसी के लक्षण हैं, जो कुछ दिनों बाद ठीक हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम बोड़रा में करीब 150 से अधिक परिवारों में यह प्रकोप फैला था, लेकिन वर्तमान में स्थिति नियंत्रित है।

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जिला अस्पताल में पदस्थ डा. संजय वानखेड़े का कहना है कि यह फैलने वाली बीमारी है। ठंडी व गर्मी वाले मौसम में वायरस सक्रिय रहता है। तीन से चार दिनों बाद स्वमेव ठीक हो जाता है। अधिक होने पर चिकित्सा उपचार आवश्यक है। चिकनपाक्स होने पर पीड़ित चिकित्सकों से अवश्य परामर्श लें। फरवरी के अंतिम व मार्च में यह संक्रमण फैलता है। चिकनपाक्स से बचने हर बच्चों को जन्म के बाद टीका लगा रहता है। भविष्य में यह बीमारी हो भी जाती है तो शरीर को अधिक प्रभावित नहीं कर पाती।
चिकनपाक्स को गांवों में लोग दैवीय प्रकोप मान रहे हैं। जिस परिवारों के सदस्य में चिकनपाक्स का प्रकोप है, ऐसे सदस्य हर रोज गांव के शीतला मंदिर में जल व नीम पत्ती चढ़ा रहे हैं। वहीं गांव के बैगा भी पूजा-अर्चना कर रहे हैं। मान्यता के अनुसार, बीमारी खत्म पर घरों में शांति पूजा के कार्यक्रम कराए जा रहे हैं।