कर्नाटक के गुलबर्गा में बैतूल जिले के बंधक 39 मजदूरों को सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता विक्रांत कुमरे ने कराया मुक्त, आज पहुँचे बैतूल
मकड़ाई समाचार खंडवा हरदा । जनवरी माह में ही हरदा जिले के 17 मजदूरों को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता श्री विक्रांत कुमरे ने कर्नाटक से बंधुआ मजदूरों को मुक्त करवाया था और आज पुनः इसी तरह की घटना घटित हुई है,बैतूल जिले की भेसदेही तहसील के ग्राम लवदा ओर पास के गांव के 39 आदिवासी मजदूर जिसमे 9 महिला भी शामिल है। काम की तलाश में क्षेत्रीय ठेकेदार की ठगी से महाराष्ट्र बोलकर कर्नाटक ले गया और ठेकेदार जहां जिस किसान के खेत में मजदूर काम कर रहे थे,उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए उनके साथ मारपीट की जा रही थी, मजदूर को न तो मजदूरी दी जा रही थी न ही उनके गांव उन्हें वापस आने दिया जा रहा था। पुरूष मजदूरों को बोला जा रहा था की आप महिलाओं को छोड़कर चले जाइए, जैसे तैसे मजदूरों ने अपने मोबाइल से गांव में सूचना कर अपनी आपबीती सुनाई,उसी दौरान समाजसेवी राकेश बकोरिया को घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने हरदा जिले के समाजसेवी करुणा शंकर शुक्ला को घटना की जानकारी दी गई, करुणा शंकर शुक्ला ने तुरंत ही वनवासी कल्याण परिषद से जुड़े सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता श्री विक्रांत कुमरे को घटना से अवगत कराया।
श्री कुमरे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कर्नाटक डीजीपी कार्यालय संपर्क किया उसके बाद गुलबर्गा एसपी ईसा पंथ से चर्चा की गई, गुलबर्गा एसपी ने तुरंत ही एक्शन लेते हुए लेबर फॉर्म और पुलिस की टीम को भेजकर ग्राम दूदगी से बंधक मजदूरों को ठेकेदार के चुंगल से मुक्त कराया है,श्री कुमरे जी द्वारा ठेकेदार के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही की मांग भी की है ताकि इस प्रकार की घटना पुनः घटित ना हो सके।
समाजसेवी करुणा शंकर शुक्ला द्वारा मजदूरों से संपर्क कर कर्नाटक से उन्हे सोलापुर रेलवे स्टेशन लाया गया और खंडवा रेलवे स्टेशन पर देर रात सभी मजदूर पहुँचे। जहाँ उनके हालचाल लेने करुणा शंकर शुक्ला स्वयं पहुँचे। वही खण्डवा के साथी विक्रम अवासे,महेश नायक,अजय भलराय,मोहन रोकड़े ने पहुंचकर मजदूरों को रेलवे स्टेशन पर रिसिब किया गया ओर खंडवा से उनके गंतव्य बैतूल जिले में उनके गांव सुरक्षित भिजवाया गया है।