उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ मेले पर कोरोना का साया मंडराने लगा है। 11 साल बाद आयोजित हुए इस कुम्भ मेले में कोरोना ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। कुंभ में शामिल साधुओं की जांच कराई गई, तो 30 साधु पॉजिटिव निकले। करीब 200 और साधुओं की जांच रिपोर्ट आज आनेवाली है। इससे पहले कुंभ के शाही स्नान में शामिल होने गए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कोरोना को खतरे को देखते हुए निरंजनी अखाड़ा ने कुंभ के समापन की घोषणा कर दी है। अखाड़ा ने कहा कि उनके कई साधु-संतों में कोरोना के लक्षण देखे गए हैं, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। अब 17 अप्रैल को मेले का समापन कर सभी संत अपने अखाड़े में वापस चले जाएंगे। निरंजनी के अलावा आनंद अखाड़े ने भी अपने अखाड़े की ओर से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी अखाड़ों की घोषणा का स्वागत किया है।
निरंजनी अखाड़े के कुंभ समाप्ति के ऐलान के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना के मसले पर शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। उम्मीद है कि इस मीटिंग में कुंभ मेले को जल्द समाप्त करने को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि कुंभ मेले को 14 दिन बीत गए हैं और इस दौरान 2500 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, 1 से 31 मार्च तक कोरोना संक्रमण के हरिद्वार में औसतन 10 से 20 मामले आ रहे थे लेकिन 1 अप्रैल से इन मामलों का आंकड़ा प्रतिदिन 500 पार कर गया है। सैकड़ों साधु-संत भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं।
अगर उत्तराखंड की बात करें, तो राज्य में कुल मरीजों की संख्या एक लाख 16 हजार के पार पहुंच गई है। फिलहाल 12 हजार से अधिक एक्टिव मरीजों का अस्पतालों और घरों में इलाज चल रहा है।