खिरकिया : शिव महापुराण की कथा मानव जाति को सुख समृद्धि आनंद देने वाली है। क्योंकि भगवान शिव कल्याण और सुख के मूल स्तोत्र हैं। यह बात छीपाबड़ में चल रही शिव महापुराण कथा में शनिवार को कथावाचक पंडित विजय कृष्ण शास्त्री ने कही।उन्होंने कहा कि महापुराण सुनने मात्र से ही वंश में वृद्धि होती है।
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महापुराण कल्प वृक्ष के समान है, जो इसे जिस कामना के साथ सुनता, वह कामना पूरी होती है। शिव जब अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं,तो वह उसे सब कुछ प्रदान कर देते हैं। उन्हें प्रसन्न करने के लिए किसी बड़े प्रयास की जरूरत नहीं है। वह तो केवल सच्ची श्रद्धा और भक्ति के अधीन है। भगवान शिव की सेवा से भक्त ऋण मुक्त होता है।ओम्कारेश्वर में साक्षात ऋण मुक्तेश्वर महादेव नर्मदा कावेरी संगम पर विराजमान हैं,जो भक्तों को ऋण मुक्त करते हैं,जो जीवन पर्यन्त शिव सेवा करता है,वह सभी प्रकार से ऋण मुक्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि हनुमान जी महाराज भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार है, जो साक्षात कलियुग में नगर नगर गांव गांव में खेड़ापति के रूप में विराजमान हैं। जो भगवान शिव के अंश अवतार है। चारों युग प्रताप तुम्हारा है। पर सिद्ध जगत उजियारा चारों युगों का हनुमान जी को वरदान है, जो साक्षात अमर होकर विराजमान हैं। साथ ही उन्होंने भगवान गणेश की महिमा का वर्णन बताया । माता पार्वती के शरीर के माध्यम से गणेश प्रकट हुए और भगवान शिव के त्रिशूल से सिर अलग हुआ एवं पार्वती की प्रार्थना करने पर हाथी का सिर लगाया गया, जो आज सारे संसार में लम्बोदर के नाम से विराजमान हैं एवं भगवान शिव के वरदान से सारे मांगलिक कार्य में सबसे प्रथम पूजे जाते हैं।सभी के विघ्नों का हरण करते हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
सुनील कुमार जैन