दिल्ली |चीन की खुफिया एजेंसीदिल्ली पुलिस ने स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को के अधिकारियों से पैसे लेकर देश की रक्षा, सैन्य खरीद, सीमाओं पर कीसेना योजना से जुड़े दस्तावेज देने के आरोप में 14 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया था और बाद में पुलिस ने एक चीनी महिला और नेपाली युवक को भी गिरफ्तार किया था। इन पर शेल कंपनियों के माध्यम से पत्रकार राजीव शर्मा को बड़ी मात्रा में रुपये देने का आरोप है। इस मामले में 60 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं किए जाने के आधार पर दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 दिसंबर 2020 को शर्मा की जमानत मंजूर कर ली थी। राजीव शर्मा ने हाईकोर्ट से कहा था कि उसे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है और उसने कोई अपराध नहीं किया है।
राजीव शर्मा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि रक्षा संबंधी अहम गोपनीय सूचनाएं चीनी खुफिया एजेंसी को देकर उन्होंने डेढ़ साल में 40 लाख रुपये कमाए थे। राजीव शर्मा को प्रत्येक सूचना के बदले 1000 डॉलर मिलते थे। स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव कुमार यादव ने बताया था कि राजीव शर्मा चीनी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में रक्षा मामलों पर लेख लिखते थे और वर्ष 2016 में चीनी एजेंट के संपर्क में आए थे। वह कुछ चीनी खुफिया अधिकारियों के संपर्क में भी थे।
वह 2016 से 2018 तक चीनी खुफिया अधिकारियों को संवेदनशील रक्षा और रणनीतिक जानकारी देने में शामिल थे।