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जनजातीय गौरव दिवस पर विशेष : जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है प्रदेश सरकार

मकड़ाई समाचार हरदा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में न केवल इस विरासत का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है, अपितु जनजातीय क्षेत्रों के समग्र विकास तथा जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में 1 करोड़  53 लाख जनजाति जनसंख्या है। प्रदेश के 15 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया एवं सहरिया के 11 विशेष पिछड़ी जाति समूह अभिकरण संचालित हैं। मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजातियों में भील, भिलाला, बारेला, गोंड,  कोल,  कोरकू, सहरिया भारिया, बैगा, सोर, पटेलिया, मवासी, पनिका, कंवर, हल्बी, मुंडा, खरिया हैं। प्रमुख जनजाति बोलियाँ भीली, भिलाली, बारेली, गोंडी, मवासी, कोरकू आदि हैं। प्रदेश में कुल बजट में से 21.09 प्रतिशत का आदिवासी उपयोजना मद में प्रावधान किया गया  है। इस मद में विभिन्न विभागों द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 24 हजार 909 करोड़ 89 लाख रुपए व्यय किए गए तथा करीब 1 करोड़ 72 लाख हितग्राहियों को लाभ पहुँचाया गया।
आहार अनुदान योजना
प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति बहुल 15 जिलों में आहार अनुदान योजना संचालित की जा रही है। इसमें विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, भारिया और सहरिया परिवारों की महिला मुखिया के बैंक खाते में प्रतिमाह रू. 1000 की राशि जमा की जाती है। पिछले वित्त वर्ष में 23 लाख 242 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया, जिन्हें 171 करोड़ 80 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई।
आकांक्षा योजना
इस योजना में अनुसूचित जनजाति वर्ग के 11वीं एवं 12वीं कक्षा के प्रतिभावान विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जईई, नीट, क्लेट की तैयारी के लिए निरूशुल्क कोचिंग एवं छात्रावास की व्यवस्था की जाती है। योजना में पिछले वित्तीय वर्ष में 724 विद्यार्थियों को लाभ दिया गया है।
प्रतिभा योजना
इस योजना में जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को उच्च शासकीय शैक्षिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है। आईआईटी, एम्स, क्लेट तथा एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पर रू. 50 हजार रूपये की राशि तथा अन्य परीक्षाओं जेईई, नीट, एनआईआईटी, एफडीडीआई, एनआईएफटी, आईएचएम के माध्यम से प्रवेश लेने पर रू. 25 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना का लाभ 50 विद्यार्थियों को दिया गया।
आवास सहायता योजना
महाविद्यालय में अध्ययन करने वाले अनुसूचित जनजाति के जो विद्यार्थी गृह नगर से बाहर अन्य शहरों में अध्ययन कर रहे हैं, उन्हें वहाँ आवास के लिए संभाग स्तर पर 2000 रूपये, जिला स्तर पर 1250 रूपये तथा विकास खंड एवं तहसील स्तर पर 1000 रूपये प्रतिमाह की वित्तीय सहायता दी जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में 45 हजार विद्यार्थियों को लाभांवित कर 60 करोड़ 96 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई गई।
विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति
मध्यप्रदेश में  अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को विदेश स्थित उच्च शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन के लिए भी सहायता प्रदान की जाती है। इस वित्तीय वर्ष में 5 विद्यार्थियों को 147 लाख रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई
प्री एवं पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति
अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास के लिए प्रदेश के 89 जनजाति विकास खंडों में प्राथमिक शालाओं से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर की शालाएँ संचालित की जा रही हैं जिनमें विद्यार्थियों को प्री-मेट्रिक तथा पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति दी जा रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को 206 करोड़ 16 लाख रुपए की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई गई।
अखिल भारतीय सेवाओं के लिए कोचिंग एवं प्रोत्साहन
प्रदेश के अनुसूचित जनजाति के ऐसे विद्यार्थियों, जो सिविल सेवा परीक्षा में निजी संस्थाओं द्वारा कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं, को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही अनसूचित जनजाति के प्रदेश के ऐसे विद्यार्थी, जो सिविल सेवा परीक्षा की प्राथमिक परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं, उन्हें 40 हजार रूपये, जो मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं उन्हें 60 हजार रूपये तथा साक्षात्कार सफल होने पर 50 हजार रुपए की राशि दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 184 विद्यार्थियों को में 37 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई गई।