मकड़ाई समाचार हंडिया। नवरात्र का समापन रविवार एवं सोमवार को देवी विसर्जन के साथ शुरू हुआ। विसर्जन यात्राएं भी साधारण तरीके से निकाली गई। वहीं जगह-जगह कन्या भोज के साथ भंडारे का आयोजन भी किया गया। धार्मिक नगरी में जयकारों के बीच आदि शक्ति मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन मां नर्मदा के किनारे रिद्धेस्वर महादेव तट पर बने नर्मदा जल कुण्ड में किया गया।
प्रदुषण एवं कोरोना को देखते शासन के आदेशानुसार अस्थाई कुंड का निर्माण कर मूर्ति को विसर्जित कराया गया है। क्योंकि पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा था कि लोग नदी की धारा में मूर्तियां विसर्जित कर देते थे। जिस कारण नाव पलटने एवं नर्मदा का जल प्रदूषित होने के कारण एनजीटी द्वारा रोक लगाई गई। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी प्रशासन द्वारा एक निश्चित गहराई पर गड्ढा खुदवाया गया और विसर्जन कुंड का निर्माण किया गया और जिम्मेदारों की उपस्थिति में देवी मां की मूर्तियां विसर्जित की गई हैं। विसर्जन के समय मूर्तियों के साथ लोग गाते बजाते नाचते हुए माता के जयकारे एवं भजन के साथ विसर्जन स्थल तक पहुंचे।
जान हथेली पर रखकर कुछ भक्तों ने नर्मदा में ले जाकर दुर्गा प्रतिमा का किया विसर्जन
प्रशासन द्वारा दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के लिये कुंड बनाये गए हैं। उसके बाद भी कुछ समिति सदस्यों द्वारा प्रशासन के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए। नर्मदा नदी में नाव पर विशाल दुर्गा प्रतिमाओं को ले जाकर विसर्जन किया गया। सोमवार हंडिया में नर्मदा नदी में कुछ समिति सदस्यों के द्वारा शासन के नियमो को दरकिनार रखते हुए। बीच नर्मदा में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। ऐसी स्थिति में यहां बड़ी घटना भी घट सकती थी। प्रशासन द्वारा नर्मदा नदी के किनारे विसर्जन कुंड बनाया था। लेकिन समिति सदस्यों ने नर्मदा नदी में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं किया। ज्ञात हो कि इसी माह की अमावस्या पर नर्मदा नदी में 4 युवक बह गए थे। जिनके शव काफी प्रयास के बाद मिले, उसके बाद भी हंडिया तहसीलदार व पुलिस प्रशासन द्वारा दशहरे के मौके पर कोई सख्ती नही बरती गई।
सोशल मीडिया पर छाया दशहरा
दशहरे पर्व का उल्लास सोशल मीडिया पर भी छाया रहा, पर्व की शुभकामनाओं के साथ लोगों ने अच्छाई को अपनाने और बुराई के परित्याग का संदेश एवं बधाइयां भी दे रहे हैं।