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टिमरनी : मनरेगा में चल रहा फर्जी मस्टररोल का खेल, धन्नासेठों व मुर्दो के चले जॉबकार्ड, तीन साल बाद भी नही हुई कार्यवाही

डिजिटल ग्राम पंचायत छिदगांव तमौली, में भ्रष्टाचार की भरमार

मकड़ाई समाचार हरदा। भारत सरकार द्वारा चलाई गई मनरेगा योजना में जहा गरीब परिवारों को ग्राम पंचायतों के द्वारा, वर्ष में 100 दिन मजदूरी देने के शासन के दिशा निर्देश है। गॉवो में गरीब परिवारों को भी रोजगार मिले इस योजना का मुख्य उद्देश्य था। लेकिन यह योजना सरपंच सचिव के मनमर्जी की होकर रह गई। पूर्व सरपंच वर्तमान सचिव के कार्यकाल में बड़े स्तर पर भ्रस्टाचार हुआ। लेकिन शासन के आदेश को दरकिनार रखकर स्वयं के नियम कानून ग्राम पंचायतों में चल रहे है। क्योकि जब तक भ्रस्टाचार रुपि दानव रहेगा। भ्रस्ट नेता और अफसर रहेंगे तब तक गरीब सिर्फ गरीब ही बनकर रहेगा। वर्तमान समय मे देखा गया है। अमीर और अमीर हो रहा गरीब को दो वक्त का खाना भी नसीब नही क्योकि शासन की महत्वपूर्ण योजना अधिकारियों के हाथ की कठपुतली बनकर रह गई। और भ्रष्टाचार रूपी दानव अपने पैर पसार कर उन गरीब परिवारों की खुशियों को दरकिनार कर उस योजनाओं को अपने नाम कर अपना उल्लू सीधा कर रहा है। हम बात कर रहे है। जिले की एक ऐसी ग्राम पंचायत जहा मनरेगा योजना के नाम पर गड़बड़झाला हुआ। यहां गांव के बड़े धन्नासेठ जिनके पास टेक्टर गाड़ी ओर जो प्रतिदिन बुलेट की सवारी करते है जिनके पास 10 से 30 एकड़ के किसान है। कृषि भूमि है। वो लोग पंचायत के रिकार्ड में मजदूर है। जिनके खाते में प्रतिमाह मनरेगा में काम करने का पैसा आ रहा है यहां पर वास्तविक गरीब परिवारों को काम नही मिला , ओर जिन्होंने काम किया उन्हें दाम नही मिला। ओर आज वो लोग अपनी मजदूरी का पैसा लेने दर दर भटक रहे। यह ग्राम पंचायत है छिदगांव तमौली जिसको लेकर बीते वर्षो में गांव के महिला और पुरुषो ने जिला कलेक्टर को जनसुनवाई में आवेदन देकर कार्यवाही की मांग भी की। लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। जनपद जिला पंचायत के अधिकारी यो की साठगांठ से कोई कार्यवाही नही हुई। जांच दल भी बनाया लेकिन वह औपचारिकता बनकर रह गया। अब देखना है। कि जिलाधीश महोदय इस फर्जी मस्टररोल की जांच कर क्या दोषियों पर कार्यवाही करेगे ।

क्या है पूरा मामला

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जिला जनसुनवाई में ग्राम छिदगांव तमोली की वार्ड क्रमांक 5 की पंच सुमनबाई ओर वार्ड क्रमांक 4 पंच कुसुम बाई सहित गांव के एक दर्जन लोगों ने ग्राम पंचायत छिदगांव तमोली में हो रही अनियमितता ओर सरपंच सचिव की मनमर्जी से आहत होकर कलेक्टर से शिकायत की की गई शिकायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गाँव के कहि धन्नासेठों के नाम जॉबकार्ड पर चल रहे और उनके खाते में लगातार मजदूरी की राशि भी जा रही है। शिकायत करने वाले मजदूरों ने कहा कि हम गाँव मे बर्षो से रह रहे गांव के ऐसे कहि लोग जो आजतक मजदूरी करने नही गए। फिर भी उनके खाते में ग्राम पंचायत का सचिव गणेश बांके राशि डाल रहा है। ग्रामीणों ने इसके अलावा भी कही गम्भीर आरोप लगाए है। प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय योजना में भी भ्रष्टाचार खूब हुआ। इतना ही नही गॉव के मुर्दो के खातों में भी मनरेगा का पैसा डाला गया। जिसका खुलासा स्वयं मृतक के परिजनों ने किया। शिकायत भी की लेकिन कोई कार्यवाही आज तक नही हुई।

आरोप लगाते हुए गॉव के युवा एड, राहुल सिंह राजपूत ने कहा कि मेरी शिकायत बीते 3 वर्षो से चल रही लेकिन आज तक कोई कार्यवाही अधिकारियों ने नही की। सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की लेकिन उसे बंद करवा दिया गया। वर्तमान में भी गौशाला और नल जल योजना के नाम पर लाखों रुपये के फर्जी बिल लगाकर शासकीय राशि डकारी गई है।

सही जांच हुई तो फर्जी मस्टररोल के मामले में हो सकती है। FIR

अगर जिला कलेक्टर ग्राम पंचायत में चल रहे फर्जी मस्टररोल के गड़बड़ झाले की सही ढंग से निष्पक्ष जांच करवाते है। तो ऐसे कहि धन्नासेठों के नाम सामने आयेंगे जो लाखो करोड़ो के मालिक है। जिनके पास जमीन ट्रेक्टर फोर व्हीलर वाहन, दुकान व्यवसाय भी है। जिनके विभिन्न बैंकों में प्रतिबर्ष लाखों रुपये का आदान प्रदान हुआ है। उन लोगो को ग्राम पंचायत ने जॉबकार्ड धारी बताकर उनके खाते में मनरेगा योजना अंतर्गत मजदूरी की राशि डाली है। गरीब परिवारों के हक ओर अधिकारों को डकारने वाले भ्रस्ट सरपंच सचिव पर कार्यवाही होना चाहिए। ग्रामीणों ने भी जिला कलेक्टर को जनसुनवाई में सौपे गए ज्ञापन के माध्यम से उचित जांच कर दोषियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की है।