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ढोलियावड : कस्तूरबा गांधी बालिका आश्रम में गंभीर वित्तीय अनियमितता, वार्डन को हटाया, रिकार्ड भी गायब

दिनेश अखाड़िया मकड़ाई समाचार झाबुआ। राणापुर विकासखंड के अंतर्गत ढोलियावड कस्तूरबा गांधी बालिका आश्रम का विभिन्न बिंदुओं पर काफी समय पूर्व की गई जांच का परिणाम अभी अभी आया। की अहम वित्तीय अनियमितता सामने आने पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ढोलियावाड की वार्डन गीता बघेल को हटाकर कमल भुरिया को वार्डन की जवाबदारी सौपी गई।

जांच बड़े ही नाटकीय ढंग से संस्था की गई। अब देखिए जांच का पत्र 12 नवम्बर 2021 को झाबुआ जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय से निकलता है। इस बीच किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष कलम सिंग भाबोर ने एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि 23 नवम्बर 2021 को झाबुआ से कोई जांच दल आया ओर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में दारू ओर मुर्गा बनाया व खा पीकर चले गए। क्या बालिका होस्टल में इस तरह का कार्य शोभनीय है।

अब 25 नवंबर 2021 को जांच दल जांच करने पहुँचता है। इसमें रानापुर बीईओ राकेश सोनी को जांच प्रमुख बनाया है सोनी ने बताया कि इस संस्था में भारी अनियमितता पाई गई है। जिसमे हमारे जांच दल में मेरे सहित 5 लोग है दिलीप ढांक बीआरसी रानापुर, मुकेश हरण प्राचार्य उमावि ढोलियावाड, श्रीमती इंदिरा गुंडिया एपीसी जेंडर जिला शिक्षा केन्द्र झाबुआ व रजनीकांत नाहर प्रभारी लेखपाल जशिके रानापुर सहित समूर्ण जांच दल ने जांच कि जिसे हमने देखा है।

जो जांच 3 बिंदुओं पर है। पहला बिंदु विद्यालय में अध्यापन नही कराने को लेकर कक्षा 7 वी के छात्र व छात्रा दीपक सोलंकी ओर प्रियंका सोंलकी व कक्षा 8वी की छात्रा रेशमा भाबोर व सज्जनी बडौद ने बताया कि अनियमित रूप से अध्यापन करवाया जाता है। इनके कथन के पश्चात संस्था के प्रधानाध्यापक मुकेश हरण ने बताया कि इन छात्रों के कथनों से सहमत होकर बताया कि गीता बघेल संस्था में उपस्थित होकर हस्ताक्षर के बाद अन्यत्र मावि सारसवाट , होस्टल या मीटिंग में जाने का कहकर विद्यालय में चली जाती है। एवम यदाकदा अध्यापन कार्य करवाया जाता है।

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दूसरा बिंदु छात्रावास में निवास नही करने इस पर एपीसी जेंडर इंदिरा गुंडिया को गीता बघेल ने बताया कि कभी कभी छात्रावास में विश्राम करती है। एवम सहायक वार्डन के निवास करने के कारण वार्डन को प्रतिदिन विश्राम करना आवश्यक नही है। तीसरा बिंदु वित्तीय अनियमितता इस पर जांच दल को वॉर्डन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 की कैशबुक, बैंक पास बुक एवम व्हाहुचर फाइल उपलब्ध कराई गई। जांच उपरांत केश बुक में लेखन 1/04/2021 से 30/10/2021तक किया गया। केश बुक में 1/04/2021 से प्रारंभिक बेलेंस 874748.25 रुपये था जो कि 30/10/2021 को शेष 85809.75 रुपये।

पिछले वर्ष की कैशबुक, स्टॉक रजिस्टर , लेज़र व अन्य दस्तावेज उपलब्ध नही है ।स्टॉक रजिस्टर संधारित नही है। जिसमे किसी भी सामग्री की स्टॉक इंट्री नही है। शाला प्रबंधन समिति द्वारा ठहराव, प्रस्ताव अनुमोदन,सम्बन्धी रजिस्टर उपलब्ध नही है। इसी तरह खरीदी में भी अनियमितता पाई गई। कही से किया हुआ भुगतान वापस भी आया। राशि के भोपाल एवम जिशिके से किसी भी प्रकार की राशि वित्तीय वर्ष में छात्रावास में प्राप्त नही हुई।

इस सभी अनियमितता को देखते हुए
जांच दल के सभी सदस्यो को प्रथम दृष्टया वित्तिय अनियमितता प्रतीत हो रही है। चूंकि छात्रावास में कितनी राशि किस मद में प्राप्त होती है। एवम कहा खर्च की जाना है इसकी पूरी जानकारी जांच दल को नही दी गई है एवम पिछले वर्षो के कोई दस्तावेज उपलब्ध नही कराए गए।

इस जांच के पश्चात बीईओ राकेश सोनी बताया कि भारी अनियमितता है। हमने जांच प्रतिवेदन जिला कार्यालय भेज दिया है। ओर जब हमने जांच प्रतिवेदन की कॉपी जिला कार्यालय से मांगी तो बार बार जवाब मिला कि जांच प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय भेजा गया है।
अब प्रश्न यह उठता है कि नवम्बर में जब जांच हो गई थी तो 3 मार्च को वार्डन को क्यों हटाया गया। क्या कारण रहे ? क्या इसमें जिला कार्यालय भी शामिल है। अगर इसमें जिला अधिकारी की भूमिका है तो तुरंत जांच कर सबसे पहले उन पर कार्यवाही हो। अगर ये गोरख धंधा 2019 से चल रहा था तो उच्चाधिकारी क्या कर रहे थे।