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तलाक-तलाक-तलाक कहकर पति ने 4 बच्चों की मां को छोड़ा, पीड़िता ने थाने में लगाई गुहार

छतरपुर: तीन तलाक को लेकर भले ही नए कानून बन गए हो लेकिन महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार घटने का नाम नहीं ले रहे। जिले में तीन तलाक का एक मामला सामने आया है। जिसमें एक महिला को उसके पति ने बेसहारा छोड़ दिया है। जहां शहर के मनिहारी मोहल्ले में निवासी शायरा बानो का आरोप है कि उसके पति अब्दुल रज्जाक ने उसे बिना किसी बात के चलते आवैधानिक तरीके से तलाक दे दिया है। जहां अब उसके 4 बच्चों सहित बेसहारा कर बदहाली पर छोड़ दिया है।

जानकारी के अनुसार, शायरा तीन बेटियों और एक बेटे के साथ पुराने घर में रह रही है जिससे उसे बेदखल करने की कोशिशें भी लगातार की जा रहीं हैं। शायरा ने एस.पी. को शिकायती आवेदन देकर पति पर कठोर कार्रवाई की मांग की है तो वहीं समाज के लोग अब मामला पुलिस में आने के बाद सुलझाने की बात कर रहे हैं।

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शायरा बानो ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी शादी लगभग 15 वर्ष पूर्व अब्दुल रज्जाक तनय स्व. हाजी नवाजी सौदागर निवासी मातवाना मोहल्ला मनिहारी मस्जिद के पीछे के साथ हुई थी। पति से उसके तीन बेटियां हैं। जिनकी आयु क्रमश: 14 साल, 9 साल एवं 6 साल है तथा एक पुत्र है जिसकी आयु 12 साल है। महिला ने बताया कि लगभग 3 वर्ष पूर्व उसके पति ने तीन बार तलाक-तलाक-तलाक कहकर किनारा कर लिया। वह अब अकेली रहती है और बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा करती है।

फिलहाल उक्त प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय में भी विचाराधीन रहा है जहां से उक्त तलाक को अवैधानिक ठहराया गया था। महिला के भरण-पोषण के लिए 7 हजार 200 रूपए प्रतिमाह देने का आदेश न्यायालय के द्वारा किए गए। लेकिन उसके पति ने विगत 10 माह से न तो भरण-पोषण की राशि दी और न ही उसके बच्चों की जिम्मेदारी उठाई। जिससे वह जीते जी मारने की कगार पर है।

वहीं मुस्लिम समाज के लोगों ने भी स्वीकार किया है कि तीन बार तलाक बोल देने से तलाक नहीं हो जाता उसके लिए एक पूरी प्रक्रिया होती है अगर किसी व्यक्ति ने ऐसा कहकर अपनी पत्नि को छोड़ा है तो यह गलत है।