ब्रेकिंग
सिराली: विधायक कप 2024: खुदिया सरपंच राहुल शाह सहित अन्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ भव्य... नीमगांव स्थित श्रीगुरु जम्भेश्वर मंदिर में हवन व जाम्भाणी हरिकथा 27 नवंबर से होगी शुरू - आचार्य संत ... नवागत आईजी नर्मदापुरम ने हरदा जिले का किया दौरा, SP कार्यालय के सभाकक्ष में अधिकारियों को दिए निर्द... जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान विवाद, पथराव आगजनी में 3 युवक की मौत! चप्पे चप्पे पर पुलिस का पहरा हरदा: महिला सशक्त वाहिनी की बालिकाओं को फिजीकल ट्रेनिंग दी टिमरनी : नगर परिषद को याद दिलाने कांग्रेस ने किया सद्बुद्धि यज्ञ, छोड़ी आहुतियां सिराली: आज से शुरू हुआ सिराली प्रीमियर लीग विधायक कप , विशाल टेनिस बाल क्रिकेट टूर्नामेंट में कई जिल... पोखरनी के बेसहारा गोवंश को सरपंच सचिव सहित ग्रामीणों ने गौशाला भिजवाया। दान स्वरूप 35 हजार की राशि भ... Skoda Kylaq Signature Plus AT स्कोडा काइलैक: वेरिएंट, कलर ऑप्शन और फीचर्स का खुलासा Honda Amaze 2024 आकर्षक डिज़ाइन और एडवांस्ड फीचर्स के साथ" लॉन्च किया जाएगा

तुलसी के पत्ते हमारे इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद होते हैं

मकड़ाई समाचार हैल्थ। मौसम के परिवर्तन या किसी प्रकार के वायरस संक्रमण से प्रभावित होकर बीमार हो जाते है। अधिकतर देखा गया है कि संक्रमण में बुखार,छींक,खासी से लक्षण नजर आते है। प्राचीन ग्रंथो में तुलसी की महिमा में उन्हे रोगनाशक बताया है। आयुर्वेदाचार्य का  कहना है कि जो व्यक्ति रोज तुुलसी की चाय पीते  है उनसेे  बिमारियां कोेसोे दूूर रहती है।  तुलसी हमारे जीवन अध्यात्मिक धार्मिक और स्वास्थ्य वर्धक है। हर सनातन धर्मी के आंगन  में आपको तुलसी का  पौधा मिल जायेगा। इसके पीछे सिद्धांत यह है कि जिस घर में तुलसी का पौधा आंगन में होता है वहां पर किसी  भी प्रकार की नकारात्मक  शक्तियां प्रवेश नही करती है हर अला बला  से घर सुरक्षित रहता है। किसी प्रकार के ग्रह दोष पितृ दोष नही होते  हैं तुलसी को जल चढ़ाने से पितृ प्रसन्न होकर तृप्त होते है। तुलसी का पूजन हिन्दू परिवारों में श्रद्धा प्रतीक है। भगवान नारायण भी तुलसी को  प्रिया मानते है इसलिए तो इसे हरि  प्रिया कहा जाता है। भगवान के भोग में तुलसी पत्र अवश्य रखा जाता है।

- Install Android App -

अब हम बात करते है कि  हमारे स्वास्थ्य में तुलसी कितनी मददगार है। पहले भी बताया कि संक्रामक रोगो के समय तुलसी का सेवन करते रहना चााहिए। तुुलसी की पत्तियों में  पारा होता है। इसलिए इसे सीधे  न चबाकर पानी में उबालकर छानकर पिएं। चाय मेें कुछ पत्तियां डालकर सेवन करे।  यह हमारे शरीर मे रोग  प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है। तुलसी अपने एडाप्टोजेनिक और एंटी आक्सिडेंट प्रभावो के लिए प्रसिद्ध है। यह कैंसर केे रेेडियोंथेरेपी के प्रभाव कोे कम  करती है। यह शरीर की मृत कोशिकाओ को जीवन प्रदान करती है।
स्वास्थ्य प्रभाव  में   तुलसी को भारत की सबसे प्रतिष्ठित जड़ी-बूटियों में से एक माना जाता है। तुलसी की चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से कोशिकाओं को बचाते हैं, जो कई बीमारियों के विकास और प्रसार को बढ़ावा देते हैं।