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दरोगा व सिपाहियों ने ही व्यापारियों का अपहरण कर की थी लाखों की लूट

मकड़ाई समाचार लखनऊ/गोरखपुर। गोरखपुर के कैंट इलाके के रेलवे स्टेशन से महराजगंज के दो स्वर्ण व्यापारियों को अगवा कर 30 लाख रुपये की लूट बदमाशों या नकली पुलिस वालों ने नहीं बल्कि यूपी पुलिस के बस्ती जिले में तैनात असली पुलिस वालों ने की थी और व्यापारियों का अपहरण कर लूट के इरादे से ही आरोपी पुलिसकर्मी गोरखपुर आए थे। पुलिस महकमे को शर्मसार करने वाले इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने अपने एक दरोगा व दो सिपाहियों सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पकड़े गए पुलिसकर्मियों पर गैंगस्टर के साथ ही एनएसए की भी कार्रवाई की जाएगी। गोरखपुर पुलिस के खुलासे के बाद बस्ती पुलिस के एक थानेदार व 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

बस्ती में तैनात दरोगा व सिपाहियोें ने मिलकर इस लूट कांड को अंजाम दिया था। गोरखपुर पुलिस ने 24 घंटे के अंदर लूट कांड का पर्दाफाश करके दरोगा धर्मेंद्र यादव व सिपाही महेंद्र यादव व संतोष यादव सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जिनके पास से लूट के 19 लाख रुपये नकद और 11 लाख रुपये कीमत का सोना व चांदी बरामद कर किया गया। गिरोह का सरगना बस्ती में तैनात उप निरीक्षक धर्मेंद्र यादव बताया गया है। गोरखपुर पुलिस के अधिकारियों के अनुसार आरोपी दरोगा ने लूट की एक और घटना कबूल की है।दरोगा ने चार लोगों के साथ कस्टम अफसर बनकर शाहपुर में एक व्यापारी से चार किलोग्राम चांदी लूटी थी, इस मामले का आरोपी एक पुलिसकर्मी अभी फरार है।
बस्ती के आईजी राजेश राय के अनुसार स्वर्ण व्यापारियों से लूट के आरोपी पुरानी बस्ती थाने में तैनात दरोगा और लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर अवधेश राज सिंह सहित 12 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें गिरफ्तार दरोगा धर्मेंद्र यादव, सिपाही महेंद्र यादव व संतोष यादव के अलावा प्रभारी निरीक्षक अवधेश राज सिंह, एसआई राम नगीना यादव, हेड मोहर्रिर (दीवान) हरिश्चन्द्र यादव, आरक्षी आलोक भार्गव, बृजेश यादव, आदर्श तिवारी, कृष्णानंद भारती, कृष्णमोहन खरवार और आलोक सिंह शामिल हैं।

आरोपियों में फर्जी पत्रकार/मुखबिर भी शामिल

आरोपियों की पहचान सिकरीगंज के जगरनाथपुर निवासी दरोगा धर्मेंद्र यादव, मऊ के सराय लखनसी इलाके के रैकवार डीह निवासी सिपाही महेंद्र यादव, गाजीपुर के जंगीपुर थाना क्षेत्र के अलवरपुर निवासी सिपाही संतोष यादव, बोलेरो चालक पुरानी बस्ती करही निवासी देवेंद्र यादव, फर्जी पत्रकार व मुखबिर ठुठीवारी, महराजगंज निवासी शैलेश यादव और निचलौली महराजगंज निवासी दुर्गेश अग्रहरि के रूप में हुई है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 395/412 एवं 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है। डीआईजी/एसएसपी जोगेंद्र कुमार के अनुसार कैंट के रेलवे स्टेशन की जनरथ बस से गत बुधवार को उतारकर महराजगंज, निचलौल निवासी व्यापारी दीपक वर्मा और रामू यादव को पुलिस की वर्दी में ले जाकर नौसड़ के पास 19 लाख नकद और 11 लाख रुपये का सोना लूटा गया था।
पुलिस की कई टीमें इस मामले की जांच में लगाई गई थीं, सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को लूट में प्रयुक्त बोलेरो का नंबर मिला जो बस्ती की थी, चालक को पकड़ा गया तो मालूम चला कि दरोगा और सिपाही बोलेरो को लेकर गोरखपुर गए थे। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ रासुका व गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी और जांच के बाद आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जाएगी। आरोपियों ने एक गेस्ट में रुपये और जेवरात को छिपाकर रखा था।

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ऐसे खुला तीस लाख की लूट का राज

शुरुआती जांच में पुलिस ने घटना को गलत ठहरा दिया था, लेकिन जांच में कैंट इंस्पेक्टर अनिल उपाध्याय के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लग गया, इसमें एक लुटेरा वर्दी व पिस्टल के साथ दिखा, सर्विस गन को पुलिस ने पहचान लिया और यहीं से जांच असल पुलिस वालों की ओर मुड़ गई। इसके बाद बोलेरो का नंबर मिल गया। गोरखपुर से गई पुलिस टीम ने जैसे ही बोलेरो चालक को पकड़ा उसने तोते की तरह पुलिस कर्मियों के नाम बोलना शुरू कर दिए। इसके बाद पुलिस ने आरोपित दरोगा और सिपाहियों को पकड़ लिया, दरोगा ने शुरू में आनाकानी की लेकिन जब घर की तलाशी शुरू की गई तो उसने बताया कि एक गेस्ट के कमरे में रुपये व जेवरात छिपाकर रखे हैं। मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 25 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की गई है। एसएसपी ने कहा कि पुलिस के रसूख को चुनौती देने वालों को कड़ी सजा मिलेगी।

खुलासा होने से परिजनों ने ली राहत की सांस

लूट का खुलासा होने के बाद व्यापारियों के परिजनों ने राहत की सांस ली। लूट के बाद से दोनों व्यापारियों के परिजन सकते में आ गए थे। व्यापारी दीपक के पिता राजनारायण ने पुलिस की कामयाबी की सराहना करते हुए कहा कि बेटे के साथ घटी घटना से वे लोग अवसाद में थे।