नई दिल्ली: किसानों को कर्ज मुक्त बनाने और फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग को लेकर दो दिवसीय आंदोलन के पहले दिन गुरुवार को किसानों के साथ डाक्टर, वकील, पूर्व सैनिक, पेशेवर और छात्रों सहित समाज के तमाम वर्गों के लोगों के समूह रामलीला मैदान में एकत्र हुए। देश के विभिन्न भागों से दिल्ली के प्रवेश मार्गों पर एकत्र होकर आंदोलनकारियों का रामलीला मैदान तक पैदल और वाहनों से पहुंचने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। वहीं किसान आज रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक पैदल मार्च निकालने वाले हैं। इसको लेकर दिल्ली में कड़ी सुरक्षा तैनात की गई है।उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले लगभग 200 किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और अन्य समाजिक संगठनों से किसानों की मांग का समर्थन करते हुए आंदोलन में भागीदारी की है। समिति के महासचिव अवीक शाहा और स्वराज इंडिया के संयोजक योगेन्द्र यादव की अगुवाई में दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के बिजवासन से सुबह शुरु हुई किसान मुक्ति यात्रा लगभग 25 किमी की पदयात्रा कर देर शाम रामलीला मैदान पहुंची।
अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव अतुल कुमार अनजान सहित संगठन के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी रामलीला मैदान में आंदोलनकारियों के लिए सुविधाओं का लगातार जायजा लेते रहे। अनजान ने बताया कि नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम की ओर से भी किसानों के समूह पैदल और वाहनों से रामलीला मैदान पहुंचे। फरीदाबाद की ओर आश्रम होते हुए रामलीला मैदान पहुंच रही किसान मुक्ति यात्रा की अगुवाई सामाजिक कार्यकर्त्ता मेधा पाटकर और वरिष्ठ पत्रकार पी.साईनाथ ने की। इस बीच पूर्व सैनिकों के संगठन ने भी किसानों की मांग का समर्थन करते हुए किसान मुक्ति यात्रा में शिरकत की।