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निचली बस्तियां जलमग्न, रातभर रेस्क्यू आपरेशन चलाकर लोगों को बाहर निकाला, 24 घंटे में 14 इंच वर्षा

मकड़ाई समाचार राजग़ढ। जिले में शनिवार-रविवार रात से ही जोरदार वर्षा का सिलसिला जारी है। लगातार व मूसलधार वर्षा के कारण जिले की सभी नदियां उफान पर है। उधर ब्यावरा में अजनार नदी के रविवार शाम से ही उफान पर होने के कारण निचली बस्तियों में पानी भरा गया। जिसके कारण पूरी रात से रेस्क्यू आपरेशन के जरिए लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। उधर सेवा के लिए प्रशासन के अलावा समाजसेवी संगठनों ने आगे आकर लोगों की मदद की है। 24 घंटे में ब्यावरा में 14 इंच व जिले में 7 इंच वर्षा रिकार्ड की गई है।

उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग द्वारा जिले में वर्षा का हाई अलर्ट जारी किया गया था। इसी बीच शनिवार रात करीब 12बजे बाद से वर्षा का दौर शुरू हो गया था। रविवार अल सुबह से ही तेज वर्षा का दौर जारी है। मूसलधार वर्षा के चलते शाम होते होते जिले की प्रमुख नदियां अजनार, नेवज, कालीसिंध, दूधी, पार्वती, सूकल, उगल, गाडगंगा उफान पर आ गई। ब्यावरा में अजनार नदी का पानी अंजनीलाल मंदिर क्षेत्र, मुल्तानपुरा, इंदौर नाका, हाथीखाना, अहिंसा द्वार, भंवरगंज के निचले हिस्से, रामलला मार्ग, राजगढ रोड के कुछ हिस्सों में पानी भरा गया। बाढ का पानी इन निचले हिस्सो में भराने के साथ ही देखते ही देखते 30 फीसद ब्यावरा बुरी तरह से प्रभावित हो गया। बाढ व खोफनाक िस्थति को देखते हुए पुलिस, प्रशासन, नगर पालिका की टीम व जनप्रतिनिधियों द्वारा राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया था। रात होते होते सैंक़डों लोगों को घरों को खाली करवाकर डूब क्षेत्र से बाहर निकाला। इसके बाद पूरी रात प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर नागरिकों को बाहर निकाला गया। रातभर से प्रशासन की टीम द्वारा रेस्क्यू आपरेशन जारी रखो। जिसके जहां फंसे होने की सूचना मिली उसतक पहुंचकर प्रशासन ने लोगों को बाहर निकालने का काम किया है। उधर अग्रवाल धर्मशाला, यूसूफ कांप्लेक्स, विवेकानंद एकेडमी सहित कई स्थानों को राहत केंप के रूप में उपयोग किया गया। बाढ प्रभावितों को यहां पर पहुंचकर उनके खाने व सोने के लिए बिस्तर आदि के इंतजाम किए गए।

मदद के लिए आम नागरिक आए आगे

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जैसे ही ब्यावरा में बाढ के हालात बने उसी के साथ मदद करने के लिए पुलिस, प्रशासन व नगर पालिका की टीम के अलावा मदद के लिए सैंक़डों लोग आगे आ गए। बिस्तरों से लेकर भोजन, कप़डे, सहित जरूरी सामग्री प्रदान करने के लिए नागरिकों ने कोई कसर नहीं छो़डी। समाजसेवी संगठनों ने आगे आते हुए न केवल रेस्क्सू में प्रशासन की मदद की, बल्कि भोजन व सामग्री उपलब्ध करवाने में भी खूब सहयोग दिया।

मोहनपुरा बांध के गेट खोलने से पुराना बस स्टैंड डूबा

राजग़ढ में मोहनपुरा बांध के 12 गेट खोलने के कारण राजग़ढ का पुरानाबस स्टैंड डूब गया। नदी का पानी पुराना बस स्टैंड से होते हुए घूमघाटी तक आ पहुंचा है। यहां की दुकानों को पहले ही दुकानदार खाली करके जा चुके थे। कालीपीठ रोड का पुल डूबने के कारण राजग़ढ से कालीपीठ क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों का संपर्क कट गया। उधर कुंडालिया बांध के 6 से अधिक गेट खोलने के कारण कालीसिंध नदी भी उफान पर चल रही है।