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प्रेस स्वतंत्रता के नाम पर भारत में हो रहा पत्रकारों पर अत्याचार, सरकार और संगठन माफियाओं ने मिलाकर किया पत्रकारिता का दोहन

वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम में भारत 2022 में 150 वें स्थान पर फिर क्यों  मना रहे हम राष्ट्रीय प्रेस दिवस ?

मनीष कुमार राठौर – 8109571743
संपादक – PRIME SANDESH

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भारत में पत्रकारिता और पत्रकार आज सड़क पर पड़ी कुतिया के समान हो गया है जिसे आते-जाते कोई भी लात मार कर जा रहा है। क्योंकि चंद रुपयों में बनते एजेंट और सरकार की भीख के भरोसे चलाने वाले चैनल पेपर की चमचागिरी के चक्कर में आज दो कौड़ी के लोग भी पत्रकारिता की स्वतंत्रता को खरीद रहे है, यही वजह है कि आज भारत में पत्रकारिता और पत्रकार की स्वतंत्रता देश दुनिया में गिरती जा रही है, और देश का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार रोड़ पर खड़े है। भारतीय प्रेस परिषद का गठन 1966 में प्रेस परिषद अधिनियम 1960 के अंतर्गत हुआ था। यह प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए और अपने कर्तव्य में राज्य के उपकरणों पर भी अधिकार का प्रयोग करता है। यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय प्रेस किसी भी अन्य बाहरी मामले से प्रभावित या विवश ना हो। इसके साथ ही आपको बता दें कि वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम में भारत साल 2022 में 150 वें स्थान पर है, जो कि साल 2021 में 142 वें स्थान पर था। आज भारत में पत्रकारों की स्वतंत्रता को लेकर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है, दूसरों की आवाज उठाते पत्रकार क्या आज इतने कमजोर हो गए है की अपने हक के लिए लड़ाई नहीं लड़ पा रहे है ? जिस तरीके से अखबार मालिकों और संपादक ने रिपोर्टर की आजादी के पर काटे है उनका जीवन गुजारा करना तक मुश्किल हो गया है। वही पत्रकार संगठन तो जिस तरीके से चंदे की राशि लेकर भीड़ जमा करने की दुकानदारी चला रहे यह समस्या अब विकराल रूप ले चुकी है।

जबकि आज भारतीय प्रेस परिषद किस तरीके से सरकार के हाई कमान मुखियाओं के आंगन की कटपुतली बन गई है, जिसका परिणाम है कि आज प्रेस की स्वतंत्रता के नाम पर सिर्फ हत्या हो रही है और कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति। हर साल विश्व स्तर में 3 मई को विश्व प्रेस दिवस मनाया जाता है। इस साल विश्व प्रेस दिवस के अवसर के लिए यह डिजिटल घेराबंदी के तहत पत्रकारिता थीम रखी गई है। जिसके बाद से डिजिटल मीडिया ने तो कोहराम मचा दिया है। जिसका सबसे बड़ा असर खबरों की सत्यता पर पड़ता है क्योंकि चवन्नी लेकर खबरों को हटाना तो कोई इनसे सीखे खैर जो भी हो परंतु बदनामी बिरादरी की होती है फिर भी आप सभी को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।